चांदीपुरा वायरस: बरसात के मौसम में नया खतरा, गुजरात में 5 बच्चों की मौत

नई दिल्ली: बरसात के मौसम में डेंगू और मलेरिया के मामलों के बीच अब एक नया वायरस कहर बरपा रहा है। गुजरात और राजस्थान में चांदीपुरा वायरस ने अपनी दस्तक दी है। खबर है कि गुजरात में इस वायरस के कारण चार बच्चों की मौत हो चुकी है और कुछ बच्चों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस वायरस की जांच शुरू कर दी है, लेकिन लोगों में डर का माहौल है।

क्या है चांदीपुरा वायरस?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, चांदीपुरा वायरस एक तरह का वायरल बुखार है, जिसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। यह वायरस बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है और मच्छर, मक्खी और अन्य कीट पतंगों से फैलता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर बुखार के साथ-साथ मरीज के दिमाग में सूजन आ जाती है। शुरुआती लक्षणों में फ्लू के संकेत मिलते हैं, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर मरीज कोमा में भी जा सकता है।

कैसे फैलता है वायरस?

चांदीपुरा वायरस का संक्रमण सैंड फ्लाई नामक मक्खी और मच्छरों से होता है। ये मक्खियाँ बरसात के बाद बनी कीचड़ में पाई जाती हैं और इंसान को काटने के बाद उसे संक्रमित कर देती हैं।

नाम का इतिहास

इस वायरस का नाम 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुर गांव के नाम पर रखा गया था, जब इस वायरस की वजह से 15 साल से कम उम्र के कई बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद 2003 में आंध्र प्रदेश में भी इस वायरस का प्रकोप फैला, जिससे 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। चांदीपुरा वायरस रेबल विरिडे वायरस प्रजाति का एक हिस्सा है।

वर्तमान स्थिति

गुजरात के साबरकांठा जिले के सिविल अस्पताल में कुछ बच्चों का इलाज इस जानलेवा वायरस के चलते हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने मृत बच्चों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं और टीम इस वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए काम कर रही है।

बचाव के उपाय

1. स्वच्छता बनाए रखें: आसपास के क्षेत्र को साफ रखें और कीचड़ जमा न होने दें।

2. मच्छरदानी का उपयोग करें: मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और रात में सोते समय मच्छरों से बचाव करें।

3. जल जमाव को रोकें: घर के आसपास पानी जमने न दें, क्योंकि मच्छर और मक्खियाँ इसी में पनपते हैं।

4. स्वास्थ्य जांच: किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इस मौसम में चांदीपुरा वायरस से बचाव के लिए सतर्कता और सावधानी बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस का पालन करें और किसी भी लक्षण के मामले में तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

 

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