Central civil service चंडीगढ़ , Central civil service गृह मंत्री अमित शाह कल यानि रविवार को केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने चंडीगढ़ को 480 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की सौगात दी साथ ही केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया। गृह मंत्री ने ऐलान […]
चंडीगढ़ , Central civil service गृह मंत्री अमित शाह कल यानि रविवार को केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने चंडीगढ़ को 480 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की सौगात दी साथ ही केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया। गृह मंत्री ने ऐलान किया कि लोगों की मांग पर केंद्र सरकार सभी कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियमावली के दायरे में लाने का कार्य शुरू करने वाली है. 1 अप्रैल से चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियम के दायरे में लाया जाएगा. इस दौरान उन्होंने लोगों को इसके फायदे भी बताए। हालांकि केंद्र सरकार के इस ऐलान का विरोध अभी से शुरू हो गया. शिरोमणि अकाली दल ने चंडीगढ़ के कर्मचारियों से पंजाब सर्विस रूल्स को हटाकर केंद्रीय सर्विस रूल्स लागू करने के गृह मंत्रालय के ऐलान का विरोध किया। इसके साथ ही अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने ट्वीट करके केंद्र सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया और केंद्र सरकार के फैसले को चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कम करने का फैसला करार दिया।
दरअसल, सेंट्रल सिविल सर्विस रूल्स लागू होने से न केवल चंडीगढ़ पर इसका असर पड़ेगा बल्कि यह फैसला पंजाब को भी प्रभावित करेगा। केंद्र सरकार का यह फैसला पंजाब की राजनीति में भूचाल ला सकता है. पंजाब सरकार नहीं चाहती कि उसकी चंडीगढ़ पर पावर कम हो या उसके लिए फैसले कोई और ले. भाजपा जब प्रदेश में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में थी, तो तब पार्टी इस फैसले को लेने में हिचकती थी, लेकिन जैसे ही दोनों पार्टियां अलग हुई है भाजपा ने तुरंत यह फैसला ले लिया है. हालांकि केंद्र सरकार के इस ऐलान के बाद शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस आम आदमी पार्टी की सरकार को इस मुद्दे पर घेर सकते हैं और इसे आप की सत्ता में आते ही नाकामी बता सकते है.
आम आदमी पार्टी ने भी चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के सेंट्रल सिविल सर्विस रूल्स लागू करने के फैसले का विरोध किया है. इस मामले पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि जब पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी तो अमित शाह या केंन्द्र सरकार ने तब चंडीगढ़ की शक्तियां नहीं छीनी थीं। जैसे ही पंजाब में आप की सरकार बनी तो अमित शाह ने चंडीगढ़ की सेवाएं छीन लीं। भाजपा आम आदमी पार्टी के बढ़ते पदचिह्नों से डरी हुई है।’ जहां एक ओर आप केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही हैं तो वहीँ दूसरी ओर पार्टी को इसका नतीजा भी भुगतना पड़ सकता है क्योंकि इस फैसले का विरोध करने से चंडीगढ़ के इंप्लाइज नाराज हो जाएंगे, जिन्होंने चंडीगढ़ नगर निगम में आप को जबरदस्त जीत दर्ज कराई थी. कुल मिलकर केंद्र के दाव से आप सरकार इस मुद्दे पर फंस चुकी है.