Chanda Kochhar and Videocon Loan Case: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है. ये केस चंदा कोचर पर सीबीआई ने दर्ज किया है. इस मामले में मुंबई में चार जगहों पर सीबीआई छापेमारी भी कर रही है. जानें कौन है चंदा कोचर और क्या है ये विडियोकॉन लोन मामला जिसमें उनपर केस दर्ज हुआ?
नई दिल्ली. आज सीबीआई ने चंदा कोचर के किलाफ केस दर्ज कर लिया है. ये केस भ्रष्टाचार मामले में दर्ज किया गया है. इसकी जांच भी शुरू हो गई है जिसके चलते आज मुंबई में चार जगहों पर सीबीआई छापेमारी कर रही है. ये छापेमारी आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन केस में की जा रही है. तो जानें क्या है आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन केस और कौन है इस मामले की आरोपी चंदा कौचर?
कौन हैं चंदा कोचर
चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी रही हैं. वो विश्व की शक्तिशाली महिलाओं में शामिल हैं. चंदा कोचर का जन्म 17 नवम्बर 1961 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था. उनका पूरा नाम चंदा दीपक कोचर है. उन्होंने जयपुर से स्कूल की पढ़ाई की थी. अपनी पढ़ाई के बाद वो मुंबई गईं जहां उन्होंने जय हिन्द कॉलेज से आर्ट्स में स्नातक की डिग्री हासिल की. 1982 में स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने मुंबई के जमनालाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडी से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की. 1984 में उन्होंने मास्टर की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वो आईसीआईसीआई बैंक में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में नियुक्त हुई. उनके काम से आईसीआईसीआई बैंक को अच्छी सफलता हासिल हुई. बैंक ने अपने रीटेल बिजनेस की शुरुआत उन्हीं के नेतृत्व में की थी. चंदा कोचर ने दीपक कोचर से शादी की. उनके दो बच्चे हैं. बैंकिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई अवॉर्डों से सम्मानित भी किया गया. यहां तक की उन्हें भारत सरकार का तीसरा सबसे बड़ा पुरस्कार पद्म विभूषण भी दिया गया है.
क्या है आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन केस
आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन केस 2008 का है. सीबीआई का कहना है कि वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत ने बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई. इसमें दोनों के बीच 3250 करोड़ रुपये की डील हुई जिसे ‘स्वीट डील’ कहा गया. आरोप है कि इस कंपनी को 3250 करोड़ रुपये का लोन दिलवाने में चंदा कोचर ने मदद की. साथ ही आरोप है कि इस लोन का 86 प्रतिशत, लगभग 2810 करोड़ रुपये 2017 में बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया. वहीं दूसरी ओर धूत लोन की रकम नहीं चुका पाए जिस कारण उन्हें बैंकों ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया.