सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 22 अगस्त को एक बार तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को अवैध घोषित कर दिया था. लेकिन अभी भी कई ऐसी खबरें आई हैं जहां एक झटके में तीन तलाक दिया गया था.
नई दिल्ली. केन्द्र सरकार इस शीतकालीन सत्र में तीन तलाक खत्म करने संबंधित कानून बनाने के लिए बिल ला सकता है. सूत्रों के मुताबिक दिसंबर में तीन तलाक खत्म करने के लिए संसद के शीत सत्र में बिल लाया जाएगा. बिल तैयार करने के लिए एक मंत्रिमंडलीय समिति बनाई गई है. इस समिति को तलाक पर रोक लगाने के लिए नए विधेयक का प्रारूप तैयार करने या मौजूदा कानून में जरूरी संशोधन का सुझाव देने की जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है और कोर्ट के फैसले के बाद भी तीन तलाक के मामले सामने आए हैं.
सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को प्रभावी बनाने के क्रम में सरकार इस मामले को आगे बढ़ा रही है. केंद्र सरकार एक उचित विधेयक लाने या मौजूदा दंड प्रावधानों में संशोधन करने पर विचार कर रही है. सरकार मौजूदा दंड प्रावधानों में संशोधन करने पर विचार कर रही है, जिसके तहत अगर कोई शख्स ट्रिपल तलाक देता है तो वह अपराध होगा. वहीं ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार के इस बिल की लाने की योजना का स्वागत करते हुए आज कहा कि यह समय की मांग है कि इसको लेकर सख्त कानून बनाया जाये.
शिया पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, हम केंद्र के इस कदम का स्वागत करते है. बहुत से मुस्लिम देशों ने पहले ही इस को खत्म कर दिया है. जहां तक शिया समुदाय की बात है तो यहां एक बार में तीन तलाक की कोई जगह नहीं है. बता दें कि सरकारी सूत्रों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भी तीन तलाक के जरिए तलाक दिए जाने के कई मामले सामने आए हैं. जागरूकता के अभाव एवं दंड की व्यवस्था की कमी के चलते ऐसा होता है. न्यायालय के फैसले के तत्काल बाद सरकार ने कहा था कि तीन तलाक पर कानून की जरूरत शायद नहीं पड़े क्योंकि न्यायालय का फैसला इस देश के कानून की शक्ल ले चुका है.
क्या खत्म होगा ट्रिपल तलाक? शीतकालीन सत्र में बिल लाने की तैयारी कर रही मोदी सरकार