कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने 'पद्मावती' विवाद पर टिप्पणी क्या की, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने थरूर के बयान पर कांग्रेस के 'राजाओं' से जवाब मांग लिया. ब्रिटिश हुकूमत में राजाओं पर थरूर की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के ही 'राजाओं' का जिक्र करते हुए ट्विटर पर लिखा, 'क्या सभी महाराजाओं ने ब्रिटिश के सामने घुटने टेके थे??? शशि थरूर की इस टिप्पणी पर क्या कहेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्गी राजा और अमरिंदर सिंह?'
नई दिल्लीः संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा है. स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के ‘राजाओं’ का जिक्र करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘क्या सभी महाराजाओं ने ब्रिटिश के सामने घुटने टेके थे??? शशि थरूर की इस टिप्पणी पर क्या कहेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्गी राजा और अमरिंदर सिंह?’ बता दें कि कांग्रेस के यह दिग्गज नेता राजघराने से ताल्लुक रखते हैं. यह सभी राजपूत शासकों के घरानों का प्रतिनिधित्व करते हैं. स्मृति ईरानी के इस ट्वीट पर फिलहाल शशि थरूर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
गौरतलब है कि गुरुवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी ‘पद्मावती’ विवाद में कूद पड़े थे. उन्होंने इस बारे में एक टिप्पणी की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शशि थरूर ने कहा था कि आज जो यह तथाकथित जांबाज महाराजा एक फिल्मकार के पीछे पड़े हैं और दावा कर रहे हैं कि इस फिल्म से उनका सम्मान दांव पर लग गया है. यही महाराजा उस समय भाग खड़े हुए थे जब ब्रिटिश शासकों ने उनके मान-सम्मान को रौंद दिया था. थरूर की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा.
1/2 कुछ भाजपाई अंधभक्तों द्वारा साज़िशन झूठा प्रचार किया जा रहा है कि मैंने राजपूत समाज के सम्मान के ख़िलाफ़ टिप्पणी की हैI मैंने राष्ट्र हित में अंग्रेज़ हकूमत के कार्यकाल का विरोध करते हुए ऊन राजाओं की चर्चा की थी जो स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ के साथ थे।
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 16, 2017
जिसके बाद थरूर ने ट्वीट कर इस बारे में सफाई दी. उन्होंने लिखा, ‘कुछ भाजपाई अंधभक्तों द्वारा साजिशन झूठा प्रचार किया जा रहा है कि मैंने राजपूत समाज के सम्मान के खिलाफ टिप्पणी की है. मैंने राष्ट्र हित में अंग्रेज हुकूमत के कार्यकाल का विरोध करते हुए उन राजाओं की चर्चा की थी, जो स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के साथ थे. मैं यह भी निर्भीक होकर कहूँगा कि भारत की विविधता व समरसता के मध्यनजर राजपूत समाज की भावनाओं का आदर किया जाना सबका कर्तव्य है. राजपूतों की बहादुरी हमारे इतिहास का हिस्सा है व इस पर कोई प्रश्न नहीं उठा सकता. भाजपा व उसके सेंसर बोर्ड को इन भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.’
2/2 मैं यह भी निर्भीक होकर कहूँगा की भारत की विविधता व समरस्ता के मध्यनज़र राजपूत समाज की भावनाओ का आदर किया जाना सबका कर्तव्य है। राजपूतों की बहादुरी हमारे इतिहास का हिस्सा है व ईस पर कोई प्रश्न नहीं उठा सकता। भाजपा व उसके सेन्सर बोर्ड को ईन भावनाओ का सम्मान करना चाहिए।
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 16, 2017
बताते चलें कि संजय लीला भंसाली की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘पद्मावती’ विवादों के साये में घिरी हुई है. राजपूत करणी सेना और राजपूत समाज फिल्म का लगातार विरोध कर रहा है. उन्होंने डायरेक्टर संजय भंसाली पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है. करणी सेना ने फिल्म में रानी पद्मावती का किरदार निभा रही एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को उनकी नाक काटने की धमकी दी है. करणी सेना फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को भी धमकी दे चुकी है. सेना द्वारा धमकी मिलने के बाद दीपिका और संजय भंसाली की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. राजपूत समुदायों द्वारा राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, यूपी और कर्नाटक में फिल्म का काफी विरोध हो रहा है. यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली है.
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