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डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम: 14 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अगले ही दिन यानी 21 अगस्त, 2024 को केंद्र सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 14 सदस्यीय नैशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स की अध्यक्षता केंद्र सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी करेंगे और इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्सा क्षेत्र […]

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Supreme Court National Task Force
  • August 22, 2024 1:33 am Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अगले ही दिन यानी 21 अगस्त, 2024 को केंद्र सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 14 सदस्यीय नैशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स की अध्यक्षता केंद्र सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी करेंगे और इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्सा क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। यह टास्क फोर्स मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा, उनके कार्यस्थलों की स्थिति और उनकी बेहतरी के उपायों पर सिफारिशें तैयार करेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय का कदम

कोलकाता के एक अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की थी। इसके बाद देशभर में मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया था। वहीं इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने तेजी से कदम उठाते हुए यह टास्क फोर्स बनाई है, जो तीन हफ्तों में अपनी अंतरिम रिपोर्ट और दो महीनों के भीतर अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।

क्या है एक्शन प्लान?

इस टास्क फोर्स में केंद्रीय गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव, नैशनल मेडिकल कमिशन के चेयरमैन, एम्स दिल्ली के डायरेक्टर, और अन्य प्रमुख विशेषज्ञ शामिल हैं। टास्क फोर्स का मुख्य उद्देश्य अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए एक प्रभावी एक्शन प्लान तैयार करना है। इसमें अस्पतालों के एंट्रेंस और एग्जिट पॉइंट्स पर बैगेज और पर्सन स्क्रीनिंग सिस्टम लगाने, सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने, और अनधिकृत लोगों की एंट्री को रोकने जैसे सुरक्षा उपाय शामिल होंगे।

घर पहुंचाने की जिम्मेदारी

टास्क फोर्स यह भी सिफारिश करेगी कि मेडिकल स्टाफ के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर अस्पताल प्रशासन तुरंत एफआईआर दर्ज कराए। इसके साथ ही रात में स्टाफ को सुरक्षित तरीके से उनके घर या हॉस्टल तक पहुंचाने की भी जिम्मेदारी अस्पताल की होगी। स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने इस संबंध में कई बैठकें की हैं और मंत्रालय ने सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

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