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सुप्रीम कोर्ट में बोली नरेंद्र मोदी सरकार- नहीं करेंगे सोशल मीडिया की निगरानी, वापस लिया प्रस्ताव

सोशल मीडिया की निगरानी के लिए हब स्थापित करने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है. सरकार का कहना है कि वह सोशल मीडिया पर निगरानी नहीं करेगी. वहीं एटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल का कहना है कि सरकार इस पूरे प्रोग्राम पर एक बार फिर से विचार कर रही है.

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Central Government will not surveillance Social Media
  • August 3, 2018 1:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह सोशल मीडिया की निगरानी नहीं करेगी. सरकार ने कहा कि उसने सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब स्थापित करने के प्रस्ताव कोे वापस ले लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हब स्थापित करने के खिलाफ दाखिल याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने निस्तारण किया. दरअसल तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा का कहना है कि सोशल मीडिया की निगरानी के लिए केंद्र यह कार्यवाही कर रहा है. इसके बाद ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम व ईमेल में मौजूद हर डेटा तक केंद्र की पहुंच हो जाएगी. निजता के अधिकार का यह सरासर उल्लंघन है.

उन्होंने कहा था कि सरकार इससे हर व्यक्ति की निजी जानकारी को खंगाल सकेगी. हब के माध्यम से केंद्र सरकार जिला स्तर तक का डेटा खंगाल सकेगी. गौरतलब है कि हाल में केंद्रीय मंत्रालय के तहत काम करने वाले पीएसयू ब्रॉडकास्ट कंसल्टेंट इंडिया लि. (बीईसीआइएल) ने एक टेंडर जारी किया है. इसमें एक सॉफ्टवेयर की आपूर्ति के लिए निविदाएं मांगी गई हैं.

सरकार इसके तहत सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाओं को एकत्र करेगी. अनुबंध आधार पर जिला स्तर पर काम करने वाले मीडिया कर्मियों के जरिए सरकार सोशल मीडिया की सूचनाओं को एकत्र करके देखेगी कि सरकारी योजनाओं पर लोगों का क्या रुख है. एजी केके वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार पूरे प्रोग्राम पर एक बार फिर से विचार कर रही है. बता दें कि इस मामले पर हुई पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि क्या सरकार सर्विलांस स्टेट बनाना चाहती है. 

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