क्रेंद की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए पीएम रिसर्च फोलोशिप के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों के होनहार छात्रों को हर महीने 80 हजार रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी.
नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट ने देश से प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों के लिए पीएम रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) को मंजूरी दे दी है. बता दें कि एनआईटी, आईआईटी और आईआईएसईआर जैसे संस्थानों के छात्रों के लिए ये देश की सबसे बड़ी स्कॉलरशिप है. इस फैलोशिप के तहत चुने गए स्कॉलर्स को 70,000 से 80,000 रुपए तक की मासिक छात्रवृत्ति के अलावा 2 लाख रुपए तक का वार्षिक रिसर्च ग्रांट्स दिया जाएगा. इस योजना को साल 2018-19 ऐकडेमिक सेशन से ही लागू किया जाएगा और इसका लाभ उठाने के लिए न्यूनतम स्कोर 8.5 सीजीपीए होना चाहिए.
इसके लिए तीन माह की अवधि के लिए केंद्र सरकार ने 1,650 करोड़ रुपए फंड आवंटित करने की मंजूरी भी दी है. ऐसे इंजिनियरिंग ग्रैजुएट्स को रिसर्च करना चाहते हैं को एक अन्य लाभ दिया जा रहा है. पीएमआरएफ के लिए शॉर्टलिस्ट होने के बाद ने एनआईटी, आईआईटी और आईआईएसईआर के ग्रैज्वेट्स को आईआईटी या आईआईएससी बेंगलुरु से सीधे पीएचडी करने की भी विकल्प है.
बताते चलें कि सालाना 1 हजार स्कॉलरशिप के अलावा इस योजना के तहत सरकार आईआईएससी और आईआईटी में रिसर्च से जुड़ी सुविधाओं को अपग्रेड करने पर भी गौर कर रही है. इस स्कॉलरशिप को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि इस योजना के तहत बीटेक ग्रैजुएट्स, इंटेग्रेटिड एमटेक या साइंस- टेक्नॉलजी स्ट्रीम्स में एमएससी ग्रैजुएट्स को सीधे आईआईटी या फिर आईआईएससी में पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला लेने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि केंद्र सरकार लंबे समय से ऐसी कई नई योजनाओं को लेकर आ रही है जिससे छात्रों को लाभ हो.
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