नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज यानी 31 मई को बैठक हुई. इस बैठक में किसानों का खास ध्यान रखा गया है. भारत में लाखों टन अनाज का भंडारण सही न होने के कारण बर्बाद हो जाता है. इस बैठक में अनाज भंडारण की क्षमता बढ़ाने के लिए एक लाख रुपये करोड़ की योजना […]
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज यानी 31 मई को बैठक हुई. इस बैठक में किसानों का खास ध्यान रखा गया है. भारत में लाखों टन अनाज का भंडारण सही न होने के कारण बर्बाद हो जाता है. इस बैठक में अनाज भंडारण की क्षमता बढ़ाने के लिए एक लाख रुपये करोड़ की योजना की मंजूरी दी गई है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट बैठक में सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अनुमति दी गई है.
भारत में मौजूदा समय में 1450 लाख टन अनाज के भंडारण की क्षमता है. उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ समय में सात सौ लाख टन भंडारण की क्षमता बढ़ाई जाएगी. भंडारण की क्षमता बढ़ने के बाद 2150 लाख टन हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि हम लगभग 1 लाख करोड़ की लागत से विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना शुरु करने जा रहे है. यह कदम सहकारी क्षेत्रों को गतिशील बनाने के लिए उठाया गया है. अन्न भंडारण की क्षमता ब्लॉक स्तर पर शुरू की जाएगी. दो हजार टन क्षमता का गोदाम हर ब्लॉक में बनाया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि भारत विश्व में सबसे अधिक अनाज उत्पादक देश है. बात दें कि अमेरिका, चीन, रूस, ब्राजील के साथ अन्य देश ऐसे है जिनके पास उत्पादन से अधिक भंडारण की क्षमता है. भारत में इसका उल्टा है यहां पर भंडारण की क्षमता उत्पादन का केवल 47 फीसदी है. इससे किसानों को काफी नुकसान होता है उनको अपने अनाज सस्ते दामों में बेचने पड़ते है.
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर कैबिनेट ने पीएम को बधाई दी गई. इसी के साथ आगे कहा कि आज से 9 साल भारत की अर्थव्यवस्था बहुत ही खराब थी आज भारत विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है.