Central Government Employee Job: आदेश में ये भी साफ साफ कहा गया है कि किसी कर्मचारी की नौकरी में एक साल का समय रह गया है तो फिर उन्हें रिटायर नहीं किया जाएगा लेकिन अगर वो बिलकुल ही काम नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें समय से पहले रिटायरमेंट दी जा सकती है. कर्मचारियों के काम की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन होगा जो कर्मचारियों को मिले काम और उसे पूरा करने की उनकी क्षमता का आंकलन करेंगे.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार अब सरकारी कर्मचारियों को परफॉर्मेंस के आधार पर रिटायर करने का प्लान बना रही है. जिन लोगों की नौकरी 30 साल से ज्यादा हो चुकी है या उनकी उम्र 50 से 55 साल के बीच हो गई है उनके काम की समीक्षा की जा रही है. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के नए आदेश के मुताबिक कर्मचारियों के जुलाई से दिसंबर तक के काम की समीक्षा जनवरी से मार्च के बीच की जाएगी और अब हर तीन महीने में काम की समीक्षा होगी और उसी आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी.
हालांकि आदेश में ये भी साफ साफ कहा गया है कि किसी कर्मचारी की नौकरी में एक साल का समय रह गया है तो फिर उन्हें रिटायर नहीं किया जाएगा लेकिन अगर वो बिलकुल ही काम नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें समय से पहले रिटायरमेंट दी जा सकती है. कर्मचारियों के काम की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन होगा जो कर्मचारियों को मिले काम और उसे पूरा करने की उनकी क्षमता का आंकलन करेंगे. इसके बाद एक रिपोर्ट बनेगी जिसके आधार पर उस कर्मचारी की आगे की नौकरी जारी रखने पर फैसला होगा. नॉन गजेटेड कर्मचारियों के काम की समीक्षा के लिए गठित कमेटी की अध्यक्षता संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे.
साफ है कि सरकार किसी भी तरह से नॉन एफिशियंट कर्मचारी को विभाग में रखने को तैयार नहीं है. माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों के काम की क्वॉलिटी में काफी सुधार आएगा. जो कर्मचारी ये सोचते थे कि वो काम करें या ना करें कोई कहने या सुनने वाला नहीं है उनके लिए सरकार का ये कदम काफी चिंताजनक हो सकता है. सरकार ने बेस्ट मैन फॉर द जॉब की पॉलिसी अपना ली है और अब उसी आधार पर सरकार आगे भी निर्णय करेगी.
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