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अब DigiLocker में लेकर चलें ड्राइविंग लाइसेंस और RC, जानिए क्या है ये और कैसे करेगा काम

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने डिजीलॉकर को मान्यता दे दी है. परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में सभी राज्यों में परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि किसी भी वाहन चालक के वेरिफिकेशन के लिए असली दस्तावेज के साथ ही अब डिजीलॉकर में सेव डॉक्यूमेंट्स भी मान्य होंगे. आईटी एक्ट-2000 के तहत डिजीलॉकर या एमपरिवहन (mParivahan) ऐप पर मौजूद दस्तावेजों की ई-कॉपी को वैध माना जाएगा.

इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया है. ट्रैफिक पुलिस के पास भी मौजूद डेटाबेस से वह चालक और वाहन की जानकारी ले सकेंगे. दरअसल पहले जो नियम थे उसके मुताबिक, पुलिस परिवहन नियमों के उल्लंघन पर चालक का ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी की आरसी जमा कर लेती थी. इस पूरी कार्यवाही के दौरान कई बार कागजात भी खो जाते थे जिससे लोगों को बेवजह विभाग के चक्कर काटने पड़ते थे. कर्नाटक, बिहार और मध्य प्रदेश में पहले से ही डिजीलॉकर में रखी सॉफ्ट कॉपी वैध है.

क्या है DigiLocker ?
आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर क्या बला है यह डिजीलॉकर और इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है. तो अब आपको बताते हैं डिजीलॉकर के बारे में. दरअसल यह एक क्लाउड बेस्ड ऐप है. इसे भारत सरकार ने जरूरी दस्तावेजों जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी की रजिस्ट्रेशन कॉपी, महत्वपूर्ण सर्टिफिकेट्स, पासपोर्ट आदि के डिजिटल स्वरुप यानी कि ऑनलाइन कॉपी को सेव रखने के लिए शुरू की है.

2015 में पीएम मोदी ने डिजीलॉकर की शुरूआत की थी
दस्तावेजों को ऑनलाइन स्टोरेज रखने के लिए यह पूरी तरह सुरक्षित है. इसमें आप अपने सभी सरकारी दस्तावेजों को डिजिटल रूप में सेव कर सकते हैं. साल 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरूआत की थी. डिजीलॉकर के साथ ही एमपरिवहन ऐप भी डीएल और आरसी दिखाने के लिए वैध बताया गया है. मोबाइल में गूगल प्लेस्टोर से ऐप डाउनलोड करने के बाद इसे शुरू करने के लिए पहले साइन अप करना होगा.

डिजीलॉकर और एमपरिवहन को ‘आधार’ से लिंक करना अनिवार्य होगा
साइन अप करने के लिए यह आपसे आपका मोबाइल नंबर मांगेगा. बताए गए मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP के बाद आप अकाउंट बना सकेंगे. दोनों ही ऐप को ‘आधार’ से लिंक करना अनिवार्य है. वैलिडेट करने के बाद आप अपने सभी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी इसमें सेव कर सकते हैं. ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोके जाने पर आपको सिर्फ ऐप में दर्ज डॉक्यूमेंट्स का QR कोड दिखाना होगा, जिससे पुलिसकर्मियों को आपकी और वाहन की पूरी डिटेल मिल जाएगी.

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Aanchal Pandey

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