नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को साल का केंद्रीय बजट पेश करने वाली है। बजट से पहले देश के हर वर्ग , हर क्षेत्र को वित्त मंत्री से कई उम्मीदें हैं क्योंकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होने वाला है। बता दें , साल 2024 में […]
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को साल का केंद्रीय बजट पेश करने वाली है। बजट से पहले देश के हर वर्ग , हर क्षेत्र को वित्त मंत्री से कई उम्मीदें हैं क्योंकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होने वाला है। बता दें , साल 2024 में चुनाव होने वाले है , ऐसे में देश के हर वर्ग को लुभाने की सरकार पूरी कोशिश कर रही है। देश में लाखों की संख्या में केंद्रीय कर्मचारियों को केंद्र सरकार बड़ा तोहफा देने वाली है। इसके साथ ही सरकार कर्मचारियों को एक झटका भी देने वाली है।
बता दें, केंद्रीय कर्मचारी लंबे वक्त से ही सैलरी रिविजन को लेकर मांग का रहे है और इस मामले में सरकार से उनकी कई बार चर्चा भी हो रखी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी रिविजन अगले वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर के जरिए करेगी। साल 2016 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार हर 10 साल के बजाय हर साल वेतन वृद्धि पर विचार करेगी। ऐसे में इस नियम के लागू होने से छोटे कर्मचारियों को भी उच्च पद पर बैठे कर्मचारियों के बराबर सैलरी की सुविधा मिल सकती है।
फिलहाल सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन में एक साल का समय और लेगी। इसके लिए सरकार बजट 2023 में अपना फार्मूला पेश कर सकती है और ऐसे में वित्त मंत्री साल दर साल सैलरी रिविजन के फॉर्मूले को इस साल के बजट भाषण में शामिल करेंगी। अगर सरकार ने ऐसा किया तो केंद्रीय कर्मचारियों में छोटे पदों पर काम करने वाले लोगों को भी बड़ा फायदा मिल सकता है।
सरकार तोहफे के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों को एक झटका भी देने वाली है। सरकार कर्मचारियों को घर की मरम्मत करने के लिए हाउस बिल्डिंग अलाउंस (HBA) भी देते है। यह पैसे सरकार एडवांस के तौर पर कर्मचारियों को देते है और जिस पर ब्याज दर भी वसूला जाता है। बता दें , पहले इस पर 7.1 फीसदी ब्याज लिया जाता था। जिससे उसे बजट में बढ़कर 7.5 फीसदी किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार एडवांस राशि को 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये भी कर सकती है। ऐसे में अगर सरकार HBA में बदलाव करती है तो कर्मचारियों को ब्याज दर ज्यादा से ज्यादा पड़ेगा।
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