नई दिल्लीः दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को तोहफा देने का ऐलान किया है। आज यानी 25 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों के हित में लिए गए फैसले को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रीमंडल ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए खाद सब्सिडी को मंजूरी दे दी […]
नई दिल्लीः दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को तोहफा देने का ऐलान किया है। आज यानी 25 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों के हित में लिए गए फैसले को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रीमंडल ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए खाद सब्सिडी को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार की तरफ से न्यूट्रिएंट बेस्ड फर्टिलाइजर सब्सिडी को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस बार के रबी सीजन के लिए यह मंजूरी दी गई है। इस योजना को लागू करने से सरकार के ऊपर 22,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
केंद्रीय कैबिनेट ने फॉस्फेटयुक्त और पोटाशयुक्त खाद पर रबी सीजन 2023-24 के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को मंजूरी दे दी है। आगामी रबी फसल 2023-24 में एनबीएस पर 22,303 करोड़ रुपए के खर्च की उम्मीद है।
अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक रबी सीजन के लिए सब्सिडी की जानकारी साझा कि है। उन्होंने कहा कि नाइट्रोजन के लिए यह 47.2 रुपए प्रति किलोग्राम, फास्फोरस के लिए 20.82 रुपए प्रति किलोग्राम, पोटाश के लिए 2.38 रुपए प्रति किलोग्राम और सल्फर के लिए 1.89 रुपए प्रति किलोग्राम सब्सिडी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सब्सिडी जारी रहेगी क्योंकि सरकार चाहती है कि जब अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़े तो इसका असर देश के हमारे किसानों पर ना पड़े। डीएपी पर सब्सिडी 4500 रुपए प्रति टन जारी रहेगी। डीएपी पुरानी दर के अनुसार 1350 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से मिलेगी। एनपीके 1470 रुपए प्रति बोरी की दर पर उपलब्ध होगा।
एनबीएस स्कीम के तहत दी जा रही है सब्सिडी
वहीं सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह उर्वरक विनिर्माताओं के माध्यम से किसानों को सब्सिडाइज्ड मूल्यों पर पीएंडके उर्वरकों के 25 ग्रेड उपलब्ध करा रही है। पीएंड उर्वरकों पर सब्सिडी साल 2010 से एनबीएस स्कीम के तहत दी जा रही है। सरकार अपने किसान हितैषी दृष्टिकोन के अनुसार, किसानों को वहनीय मूल्यों पर पीएंडके खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।