योजना आयोग की जगह नीति आयोग द्वारा लिए जाने के कारण 15वें वित्त आयोग का फैसला अहम है. 15वां वेतन आयोग 2020 अप्रैल से 2025 अप्रैल तक लागू होगा.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने पंद्रहवें वित्त आयोग को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट के आर्थिक मामलों की समिति की आज बैठक हुई थी. बता दें कि अब योजना आयोग की जगह नीति आयोग ले चुका है और इसके तहत केंद्र व राज्यों के बीच पैसों का बंटवारा नये ढंग से किया जाना है. ऐसे में 15वें वित्त आयोग को मंजूरी दिया जाना अहम फैसला कहा जा सकता है. ये वित्त केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन के लिए 8वें वेतन आयोग पर काम करेगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि ये आयोग 2020 अप्रैल से 2025 अप्रैल तक लागू होगा. जेटली ने जानकारी दी कि बैठक में इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड मे भी बदलाव किए गए हैं.
बैठक में कहा गया कि केंद्र सरकार की स्वामित्व में आने वाले संस्थानों का प्रबंधन 5 या 10 साल के वेतनमान में बदलाव की सीमा खत्म होने के बाद इसपर मोलभाव कर सकेगा. जेटली ने बताया कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट और 24 उच्च न्यायालयों के जजों के वेतन को रिवाइज करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि सातवें वेतन आयोग के बाद जजों की तनख्वाह नौकरशाहों से भी कम है. कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या सरकार जजों के वेतन में बढ़ोतरी करना भूल गई है. बता दें कि फिलहाल जजों का मासिक वेतन 1.5 लाख रुपये है.
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