नई दिल्ली: एक फरवरी को केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की घोषणा कर दी है. आम बजट में देशभर की विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 19,518 करोड़ का बजट तय किया गया है. बुधवार की सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट भाषण दिया और आगामी वित्त वर्ष के लिए केंद्र […]
नई दिल्ली: एक फरवरी को केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की घोषणा कर दी है. आम बजट में देशभर की विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 19,518 करोड़ का बजट तय किया गया है. बुधवार की सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट भाषण दिया और आगामी वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार की खर्च की योजना बताई. इस दौरान रेल मंत्रालय समेत परिवहन विभाग को भी बड़ी राशि आवंटित की गई है.
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘अमृत काल के लिए हमारी दृष्टि में मजबूत लोक वित्त और मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है। इसे प्राप्त करने के लिए सबका साथ सबका प्रयास के जरिए जन भागीदारी आवश्यक है।’
रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 2023-24 में सभी मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल बजटीय परिव्यय 19,518 करोड़ रुपये रखा गया है. यह आवंटन पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में 19,130 करोड़ रुपये था. हालांकि बजट दस्तावेजों के अनुसार संशोधित बजट अनुमान (2022-23) यह 15,628 करोड़ रहा.
अगर खेल मंत्रालय के बजट को देखें तो इस बार बंपर बढ़ोतरी की गई है. युवा और खेल मामलों के केंद्र सरकार ने मंत्रालय के लिए 3389 करोड़ रुपये का बजट देने का ऐलान किया है. यह बजट पिछले साल के मुकाबले में कई गुना ज़्यादा है. 2022-23 के बजट में केंद्र सरकार ने युवा-खेल मंत्रालय के लिए 2671 करोड़ रुपये दिए गए थे. इस साल इसे बढ़ाकर 3389 करोड़ किया गया है.
इसके अलावा भी खेलो इंडिया के बजट में 400 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है. अब खेलो इंडिया का बजट 1000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर में भी खेलों को बढ़ावा देने की दृष्टि से 15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के लिए 107 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है. बता दें, इस साल राष्ट्रीय खेल परिसंघों को सहायता का बजट ख़त्म कर दिया गया है जो पिछले साल 280 करोड़ रुपये था.
स्टार्टअप और अकादमिया स्तर पर भी रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है. इसे बढ़ावा देने के लिए नेशनल डाटा गवर्नेंस पॉलिसी लाई जाएगी जिसमें देशभर में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन सलेक्ट कर उन्हें विकसित किया जाएगा. इनमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को लुभाने के लिहाज से रोजगार और स्वरोजगार के मौके बनाए जाएंगे.