नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रुख किया है. 27 जुलाई को शीर्ष अदालत इस मामले की सुनवाई करेगा. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ED निदेशक एसके मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई को ख़त्म हो रहा है. संसोधन […]
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रुख किया है. 27 जुलाई को शीर्ष अदालत इस मामले की सुनवाई करेगा. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ED निदेशक एसके मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई को ख़त्म हो रहा है.
बता दें, केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया था. जहां शीर्ष कोर्ट ने ED निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध करार दिया था. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार को उनके सभी निलंबित काम 31 जुलाई तक निपटाने को कहा था. साथ ही ईडी निदेशक के कार्यकाल को अधिकतम पांच साल तक बढ़ाने वाले केंद्र सरकार न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने संशोधन को सही ठहराया है.
सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका
शीर्ष अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि ED निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल विस्तार अवैध है लेकिन इस पद पर वह 31 जुलाई 2023 तक बने रहेंगे. ऐसे में सुचारू परिवर्तन और सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा सकेगा. क्योंकि आने वाले समय में FATF की समीक्षा भी होनी है इसलिए उनका कार्यकाल इस महीने का अंत तक रहेगा. आगे सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को राहत देते हुए कहा कि सेवा विस्तार के नियम वाले कानून में संशोधन सही है. कोर्ट ने आगे कहा कि केंद्र के पास उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश पर कार्यकाल बढ़ाने की शक्ति है.
गौरतलब है कि ED संजय मिश्रा को पहली बार दो साल की अवधि के लिए 19 नवंबर 2018 को ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था. नवंबर, 2020 में उनका कार्यकाल समाप्त होना था लेकिन उनका कार्यकाल बढ़ाकर 2 साल की जगह बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया था. इससे पहले ही मई महीने में संजय मिश्रा 60 साल यानी रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच चुके थे. इसके बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम के साथ-साथ दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम में नवंबर 2021 में केंद्र सरकार अध्यादेश लाई थी. इस अध्यादेश के तहत CBI और ED चीफ को एक-एक साल के तीन सेवा विस्तार देने का प्रावधान है. यह बाद में संसद में पारित कर दिया गया.