चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर आरके माथुर ने पीएमओ को आदेश दिए हैं कि पीएम के साथ विदेश जाने वाले लोगों की जानकारी मांगी जाती है तो उसे उपलब्ध कराएं. हालांकि सीईसी ने पीएम के सुरक्षा दस्ते के नाम जारी न करने की छूट दी है. सीईसी आरके माथुर ने यह आदेश दो आरटीआई के मामलों पर दिया है.
नई दिल्ली. चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर आरके माथुर ने पीएमओ को निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश जाने वाले लोगों की जानकारी देनी होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) आरके माथुर ने पीएमओ की राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर जानकारी उपलब्ध न कराने की आपत्ति को खारिज कर यह निर्देश जारी किया है. सीईसी ने दो मामलों पर फैसला लेते हुए यह निर्देश दिया. हालांकि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों के नाम न जाहिर करने की छूट पीएमओ को दी है.
सीईसी माथुर ने कहा ‘आयोग का मानना है कि उन गैर सरकारी व्यक्तियों के नाम और सूची अपील करने वालों को दी जानी चाहिए जो प्रधानमंत्री के विदेश दौरे पर गए और सुरक्षा से उनका कोई लेना-देना नहीं है.’ दरअसल पीएम के साथ विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के बारे में सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए जानकारी मांगी गई थी. यह जानकारी नीरज शर्मा और अयूब अली नाम के दो आरटीआई कार्यकर्ताओं ने मांगी थी लेकिन इसके बारे में उन्हें जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. तब सीईसी ने इस मामले में दखल दिया.
नीरज शर्मा ने प्रधानमंत्री के विदेशी दौरों पर उनके साथ जाने वाले निजी कंपनियों के सीईओ और कारोबारियों या उनसे जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी मांगी थी. नीरज शर्मा ने जुलाई 2017 में आरटीआई लगाकर यह जानकारी मांगी थी लेकिन पीएमओ द्वारा यह जानकारी दी नहीं गई. नीरज शर्मा ने सीईसी को बताया था कि उनसे बोला गया है कि आरटीआई कानून के सेक्शन 8(1)(अ) के मुताबिक सुरक्षा के आधार पर पीएम के घरेलू और विदेश दौरों में उनके साथ गए लोगों के बारे में जानकारी नहीं दी जा सकती. हाल के एक आदेश में पीएमओ को 30 दिन में सूचना मुहैया कराने को कहा था. वहीं दूसरे आरटीआई एक्टिविस्ट अयूब अली ने 2016 में एप्लीकेशन भेजकर पीएमओ से प्रधानमंत्री के घर और कार्यालय पर होने वाले महीने के खर्च की जानकारी मांगी थी.
नीरज शर्मा ने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल के समय यह जानकारी पीएमओ की वेबसाइट पर उपलब्ध थी. उनकी आरटीआई पर पीएमओ की तरफ से कहा गया कि पीएम के दौरों के बारे में जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है लेकिन उनके साथ विदेशी दौरों पर जाने वाले लोगों के नाम सुरक्षा कारणों से उजागर नहीं किए जा सकते. इस बात को सीईसी ने अपने आदेश में नोट किया था.