CDS अनिल चौहान बोले- ब्रह्मोस वास्तव में है ब्रह्मास्त्र, आत्मनिर्भरता का मतलब भी समझाया

नई दिल्ली। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने ब्रह्मोस मिसाइल को भारत का ब्रह्मास्त्र बताया है. उन्होंने कहा है कि ब्रह्मोस वास्तव में अपने समय का ‘ब्रह्मास्त्र’ है. इसके साथ ही सीडीएस चौहान ने आत्मनिर्भरता का मतलब भी समझाया है. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब यह नहीं है कि हम हर चीज भारत में उत्पादित […]

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CDS अनिल चौहान बोले- ब्रह्मोस वास्तव में है ब्रह्मास्त्र, आत्मनिर्भरता का मतलब भी समझाया

Vaibhav Mishra

  • May 31, 2023 1:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने ब्रह्मोस मिसाइल को भारत का ब्रह्मास्त्र बताया है. उन्होंने कहा है कि ब्रह्मोस वास्तव में अपने समय का ‘ब्रह्मास्त्र’ है. इसके साथ ही सीडीएस चौहान ने आत्मनिर्भरता का मतलब भी समझाया है. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब यह नहीं है कि हम हर चीज भारत में उत्पादित करेंगे, बल्कि हम ज्वाइंट वेंचर की स्थापना करने जा रहे हैं. ब्रह्मोस एयरोस्पेस ऐसा ही एक वेंचर है. यह मिसाइल एक बड़ी सफलता की कहानी रही है.

पासिंग आउट परेड का लिया जायजा

इससे पहले बुधवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने महाराष्ट्र के पुणे में चल रही एनडीए की पासिंग आउट परेड का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने चीन और पाकिस्तान को लेकर भारतीय सेना के सामने मौजूद चुनौतियों को बताया. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल नियंत्रण रेखा पर हमारे दावों की वैधता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.

सेना के लिए अलग तरह की चुनौती

सीडीएस चौहान ने कहा कि आज हम ऐसे वक्त में जी रहे हैं जब वैश्विक सुरक्षा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. इस समय अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीतिक व्यवस्था प्रवाह की स्थिति में है. यूरोप में जारी युद्ध, हमारी उत्तरी सीमाओं पर पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) की निरंतर तैनाती और हमारे सबसे निकट पड़ोस में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल है. उन्होंने कहा कि ये सभी भारतीय सेना के लिए एक अलग तरह की चुनौती पेश कर रही है.

दावों की वैधता को लेकर प्रतिबद्ध

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने आगे कहा कि सशस्त्र बल नियंत्रण रेखा पर हमारे दावों की वैधता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि ये न केवल हमारे निकट बल्कि विस्तारित पड़ोस में भी शांति और स्थिरता बनाए रखने में रचनात्मक भूमिका निभाते हैं. हम सैन्य मामलों में एक नई क्रांति भी देख रहे हैं, जो ज्यादातर तकनीक से संचालित है. भारत की सशस्त्र सेनाएं भी एक बड़े परिवर्तन की राह पर हैं, हम संयुक्तता, एकीकरण और रंगमंचीय कमानों का निर्माण करने की तैयारी में हैं.

CDS अनिल चौहान ने बताया- भारतीय सेना के सामने चीन और पाकिस्तान को लेकर क्या है चुनौती?

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