मंगलुरु. कॉफी डे एंटरप्राइजेज (कैफे कॉफी डे रेस्तरां की मूल कंपनी) के निदेशक मंडल की बैठक बेंगलुरु में कंपनी के मुख्यालय में शुरू हुई है. वीजी सिद्धार्थ, जो कंपनी के प्रबंध निदेशक थे, के गायब होने के बाद बोर्ड कंपनियों के भविष्य पर चर्चा करने के लिए मिला है. कार्यालय के सामने आम नागरिक और निगम ने कॉफी किंग कहे जाने वाले वीजी सिद्धार्थ की मौत पर शोक मनाया. मंगलवार को निदेशक मंडल को संबोधित एक पत्र सामने आया था. जिसे सिद्धार्थ द्वारा लिखा गया था. पत्र में, उन्होंने कहा कि उन्होंने विफलताओं और गलतियों के लिए एकमात्र जिम्मेदारी ली है. कैफे कॉफी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ, जिन्होंने अपने कथित तौर पर आत्महत्या पत्र कहे जाने वाले पत्र में आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
वीजी सिद्धार्थ 36 घंटे के तलाशी अभियान के बाद नेत्रवती नदी में मृत पाए गए. श्रृंगेरी विधायक टीडी राजेगौड़ा, जो कैफे कॉफी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ के करीबी सहयोगी हैं ने कहा कि व्यवसायी टाइकून के परिवार ने उनके पिता के घर सिद्धार्थ के शरीर का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है. वो कर्नाटक के बेलूर तालुक में है. कॉफी डे एंटरप्राइजेज के शेयर संस्थापक वीजी सिद्धार्थ की मौत की खबर पर लगातार दूसरे दिन 20 प्रतिशत गिर गए. बुधवार सुबह शव मिलने और शव ब्रांड के संस्थापक और मालिक वीजी सिद्धार्थ का होने की पुष्टि होने के बाद कैफे कॉफी डे प्रबंधन ने आज देशव्यापी अवकाश घोषित किया है. पूरे भारत में सभी कैफे कॉफी डे आउटलेट्स आज के लिए बंद किए गए हैं. उनके पारिवारिक मित्र और विधायक डीटी राजे गौड़ा ने कहा कि वीजी सिद्धार्थ का पार्थिव शरीर चिकमगलूर के पास उनके गांव चेकनाहल्ली ले जाया जाएगा. उनके वृद्ध माता-पिता वहीं रहते हैं और सिद्धार्थ इकलौते पुत्र थे.
36 घंटे से लापता वीजी सिद्धार्थ का शव बरामद होने की खबर आते ही पूरे सोशल मीडिया पर कई ट्रेंड शुरू हो गए. सोशल मीडिया माइक्रोबलॉगिंग साइट ट्विटर पर #VGSiddhartha, #CCDFounder, #RIPSiddhartha और #CafeCoffeeDay ट्रेंड में आ गया. कई नेताओं और वीजी सिद्धार्थ के करीबियों समेत लोगों ने उनकी मौत पर शोक व्यक्त किया है.
भारत से बैंक घोटाला करके भागे विजय माल्या ने भी वीजी सिद्धार्थ की मौत पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने लिखा, मैं सीधे तौर पर वीजी सिद्धार्थ से संबंधित हूं. उत्कृष्ट मानव और शानदार उद्यमी. मैं उनके पत्र से परेशान हूं. सरकार एजेंसियां और बैंक किसी को भी निराशा में डाल सकते हैं. पूर्ण पुनर्भुगतान की पेशकश के बावजूद देखें कि वे मेरे साथ क्या कर रहे हैं. शातिर और बेदर्द.
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