पेपर लीक होने के बाद छात्र कई दिनों से सीबीएसई दफ्तर के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को सीबीएसई ने कहा कि 25 अप्रैल को इकनॉमिक्स का दोबारा एग्जाम कराया जाएगा.जबकि 10वीं के एग्जाम सिर्फ दिल्ली और हरियाणा रीजन में होंगे.
नई दिल्ली. पेपर लीक को लेकर छात्रों ने शनिवार को भी दिल्ली के प्रीत विहार स्थित सीबीएसई बिल्डिंग के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. छात्रों के प्रदर्शन के कारण लक्ष्मी नगर की ओर जाने वाली सड़क पर लंबा जाम लग गया, जिससे उस ओर जाने वालो को काफी परेशानी हुई. आम दिनों में भी इस रोड पर काफी जाम रहता है. 10वीं के गणित और 12वीं के इकनॉमिक्स का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद बोर्ड ने इन दोनों विषयों के एग्जाम दोबारा कराऩे जाने के आदेश दिए हैं. बोर्ड ने शुक्रवार को इकनॉमिक्स के एग्जाम की तारीख का एेलान किया था. परीक्षा 25 अप्रैल हो होगी. जबकि 10वीं के गणित की दोबारा परीक्षा मात्र दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और हरियाणा में जुलाई के महीने में कराई जाएगी. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूली शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि सीबीएसई 10वीं के गणित का प्रश्न-पत्र मात्र दिल्ली और हरियाणा में ही लीक हुआ था, क्योंकि इसके राष्ट्रीय स्तर पर लीक होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
स्वरूप ने कहा, “वह प्रश्न-पत्र मात्र दिल्ली और हरियाणा में लीक हुआ था और अगर दोबारा परीक्षा होगी तो मात्र इन राज्यों में जुलाई में होगी. इस मुद्दे पर अगले 15 दिनों में निर्णय ले लिया जाएगा.” सीबीएसई के कई प्रश्न-पत्रों के लीक होने की अफवाहों के प्रश्न पर उन्होंने कहा, “कई मामलों में पाया जाता है कि प्रश्न-पत्र लीक नहीं हुए थे. प्रश्न-पत्रों के लीक होने की सूचना हमें प्रश्न-पत्र शुरू होने से पहले मिल गई थी. लेकिन इसकी पुष्टि हमारी जिम्मेदारी थी.”उन्होंने कहा, “प्रश्न-पत्र कैसे लीक हुए, कहां से लीक हुए.. मेरा आपसे आग्रह है कि मैं जांच के बाद ही आपको इस बारे में कोई जानकारी दे पाऊंगा.”
भविष्य में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम पर सरकार की गारंटी पर उन्होंने कहा कि भविष्य की गारंटी कोई नहीं दे सकता. उन्होंने कहा, “मैं भविष्य में ऐसी किसी घटना के न होने की गारंटी नहीं ले सकता, लेकिन हम हर संभव कदम उठाएंगे, जिससे ऐसी घटनाएं न हों.” देशभर में विद्यार्थियों और उनके परिजनों द्वारा सड़कों पर उतरकर प्रश्न-पत्र लीक की निंदा और कुछ स्थानों पर सीबीएसई प्रमुख अनीता करवल को हटाने की मांग करने के बाद सीबीएसई ने यह निर्णय लिया. लीक और पुनर्परीक्षा से लाखों विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं और उनके परिजनों को छुट्टियों की योजनाएं आगे बढ़ानी पड़ीं या निरस्त करनी पड़ीं.