CBSE 2020: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन यानी कि सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया है. जो स्टूडेंट सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल होने वाले हैं वो बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर एग्जाम की गाइडलाइन चेक कर सकते हैं.
नई दिल्ली. CBSE 2020: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के लिए कई तरह की गाइडालाइन जारी कर दिया है. यानी कि अब स्टूडेंट्स को बोर्ड द्वारा जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखकर ही परीक्षा में जाना होगा. अगर कोई भी स्टूडेंट्स गाइडलाइन को नहीं फॉलों करता है तो स्कूल द्वारा उसे परीक्षा से बाहर कर दिया जाएगा और उसके खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी. पिछले वर्ष बोर्ड ने परीक्षा में कैलकुलेटर, नकल से जुड़ी कोई सामाग्री, मोबाइल फोन और ईयरफोन पर भी पाबंदी लगाया था. लेकिन इस बार बोर्ड ने कड़ी सुरक्षा के लिए स्मार्ट घड़ी या डिजीटल घड़ी पर प्रतिबंध लगा दिया है.अगर किसी भी स्टूडेंट्स के पास स्मार्ट घड़ी या डिजीटल घड़ी पाई जाती है तो उसे एग्जाम से बाहर कर दिया जाएगा. परीक्षा से जुड़ी गाइडलाइन की अधिक जानकारी स्टूडेंट्स बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं.
सीबीएस बोर्ड के अधिकारी ने इनखबर डॉट कॉम (inkhabar.com) को बताया है कि इस बार डिजीटल या स्मार्ट घड़ी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. अधिकारी ने यह भी कहा कि छात्रों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसलिए सभी स्कूलों की कक्षाओं में घड़ी लगाई गई है. जिस स्कूल में ऐसा नहीं वहां पर भी बोर्ड द्वारा घड़ी लगवाया जा रहा है और जल्द ही बोर्ड द्वारा इसकी मॉनिटरिंग भी कर ली जाएगी. आपको बता दें कि सीबीएसई बोर्ड की तरफ से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 जनवरी 2020 से आयोजित की जाएंगी, जबकि थ्योरी की परीक्षाएं फरवरी से आयोजित की जाएंगी. बोर्ड द्वारा परीक्षा के लिए टाइम टेबल पहले ही जारी किया जा चुका है. जिन स्टूडेंट्स ने अभी तक टाइमटेबल नहीं डाउनलोड किया है वो बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट या फिर संबंधित कॉलेज से टाइमटेबल ले सकते हैं.
सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं 2020 की परीक्षा में किसी प्रकार की नकल न हो इसके लिए बोर्ड ने सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया है. पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षको की तैनाती की जाएगी. आपको बता दें कि 2018 में पेपर आउट होने के कारण सीबीएसई बोर्ड की खूब किरकिरी हुई थी, जिसके बाद से बोर्ड द्वारा बैकअप के तौर पर इंस्क्रिप्टेड पेपर का भी इस्तेमाल किया जाना लगा है.