CBSE 12th Exam Update : पूरे भारत में छात्रों का भाग्य और कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 अधर में है क्योंकि शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 1 जून को कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा कर सकते हैं. रविवार को उच्च स्तरीय बैठक के बाद उन्होंने कहा कि वह करेंगे सीबीएसई कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा के प्रारूप और तिथियों की घोषणा करें. अब, नई जानकारी के अनुसार, सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा छात्रों के लिए 30 मिनट की अवधि के लिए आयोजित की जाएगी, जिसमें उनसे संबंधित विषयों पर ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाएंगे.
नई दिल्ली. पूरे भारत में छात्रों का भाग्य और कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 अधर में है क्योंकि शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 1 जून को कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा कर सकते हैं. रविवार को उच्च स्तरीय बैठक के बाद उन्होंने कहा कि वह करेंगे सीबीएसई कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा के प्रारूप और तिथियों की घोषणा करें. अब, नई जानकारी के अनुसार, सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा छात्रों के लिए 30 मिनट की अवधि के लिए आयोजित की जाएगी, जिसमें उनसे संबंधित विषयों पर ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाएंगे.
कोविड-19 के बीच सीबीएसई की ओर से बोर्ड परीक्षा के विकल्प विभिन्न शिक्षा मंत्रियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 सभी कोविड -19 सुरक्षा प्रोटोकॉल के बीच 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच आयोजित की जाएगी.
सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं के लिए दो विकल्प प्रस्तावित किए हैं या तो केवल मुख्य 19 विषयों के लिए और अधिसूचित परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा निर्धारित करें, या छात्रों के होम स्कूलों में सभी विषयों के लिए 90 मिनट की परीक्षा आयोजित करें.
महामारी के दौरान कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर विभिन्न राज्यों की अलग-अलग राय है. अधिकांश कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए क रहे हैं, लेकिन एक छोटे प्रारूप में.
बता दें कि रविवार को हुई राज्यों के शिक्षामंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद, शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से 25 मई तक केंद्र के प्रस्ताव पर लिखित प्रतिक्रिया मांगी थी. बैठक के दिन ही 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) ने CBSE के 12वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया था.
केवल चार राज्य दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा और अंडमान और निकोबार ने परीक्षाएं न कराने का सुझाव रखा था. इन राज्यों ने एग्जाम से पहले छात्रों और शिक्षकों के लिए वैक्सीनेशन की मांग उठाई थी. इसके अलावा अधिकांश राज्यों ने छोटे फॉर्मेट यानी डेढ़ घंटे (90 मिनट) के एग्जाम पर सहमति जताई है.