CBI vs CBI: रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि वर्तमान में सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव की पत्नी ने एक कंपनी को 1.14 करोड़ रुपये लोन के तौर पर दिए थे. जिस पते पर कंपनी रजिस्टर्ड है वहां कोई ऑफिस नहीं है.
नई दिल्ली. आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के बाद सरकार द्वारा नियुक्त किए गए सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर एम नागेश्वर राव की पत्नी ने एक कंपनी को 1.14 करोड़ रुपये दिए थे.रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि वित्त वर्ष 2011 से 2014 के दौरान नागेश्वर राव की पत्नी संध्या और कोलकाता की एक ट्रेडिंग कंपनी एंजेला मर्कन्टाइल प्राइवेट लिमिटेड (एएमपीएल) के बीच कई बार लेनदेन हुआ था. रिकॉर्ड्स के अनुसार, संध्या ने 2011 में एएमपीएल से 25 लाख रुपये बतौर कर्ज लिए थे. इसके बाद संध्या ने कंपनी को कर्ज के तौर पर पैसे दिए.
दस्तावेजों में उन्होंने दिखाया है कि साल 2012 से 2014 के बीच संध्या ने कंपनी को तीन बार 1.14 करोड़ रुपये का लोन दिया. संध्या ने 2012 में 35.56 लाख, 2013 में 38.27 लाख और 2014 में 40.29 लाख रुपया कंपनी को बतौर कर्ज दिया था. कोलकाता के प्रवीन अग्रवाल एएमपीएल के डॉयरेक्टर के तौर पर आरओसी की लिस्ट में नामित हैं. प्रवीन अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को फोन पर बताया कि संध्या हमारे पारिवारिक मित्र नागेश्वर राव की पत्नी हैं और मैं उन्हें उस वक्त से जानता हूं जब वे ओडिशा में अधिकारी थे.
प्रवीन अग्रवाल ने आगे कहा कि जब आप किसी को मित्र की तरह मानते हैं तो कर्ज लेने या निवेश कराने में क्या दिक्कत हो सकती है? इस मामले पर सीबीआई के प्रवक्ता ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. इसके अलावा आरओसी के रजिस्टर में दर्ज पीएमपीएल के दफ्तर पर पहुंचने पर पता चला कि यहां कोई ऑफिस नहीं है और यह एक आवासीय बिल्डिंग है.