CBI Special Director Rakesh Asthana Bribery Case: सीबीआई में इन दिनों भ्रष्टाचार को लेकर जारी आरोपों के बीच अधिकारियों के खिलाफ एसआईटी जांच की मांग को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने एक याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सहमति जताई है.
नई दिल्ली. सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक राकेश अस्थाना समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ एसआईटी जांच की मांग को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने एक याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सहमति जताई है. दरअसल बुधवार को भूषण ने दावा किया था कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को हटा दिया गया था क्योंकि वह राकेश अस्थाना के खिलाफ मामला चला रहे थे. भूषण ने कहा कि वह आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के लिए सरकार के आदेश को कानूनी रूप से चुनौती देंगे.
बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नियुक्ति समिति ने दो शीर्ष अधिकारियों के बीच आंतरिक विवादों के बाद सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजा था. राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच का नेतृत्व करने वाले डीआईजी एमके सिन्हा को भी छुट्टी पर भेजा दिया गया था.
सीबीआई में संघर्ष के हालातों ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दिया है. आलोक वर्मा की बहाली की मांग करते हुए कांग्रेस ने बुधवार को मांग की थी कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सीबीआई निदेशक को अवैध रूप से और असंवैधानिक रूप से छुट्टी पर भेजने के लिए देश से माफ़ी मांगनी चाहिए. एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, बसपा अध्यक्ष मायावती और द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन भी इसमें कूद गए थे.
मंगलवार को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार तक राकेश अस्थाना की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और कहा कि आरोपी के सभी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड मोबाइल फोन, लैपटॉप इत्यादि सहित जब्त कर लिए जाएं. अदालत ने मामले कती सुनवाई के लिए सोमवार (29 अक्टूबर) का दिन तय किया जब आलोक वर्मा के पास अस्थाना द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देना होगा. कोर्ट ने कहा कि तब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. अस्थाना ने दिल्ली उच्च न्यायालय में उनके खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी को रद्द करने की मांग में याचिका दायर की और कहा कि मंगलवार तक उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए.