नई दिल्लीः दक्षिण-पूर्व-मध्य के चिकित्सा विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी को दोबारा उसी विभाग में नियुक्ति देने के लिए 10,000 रुपए की रिश्वत लेते कार्यलय अधीक्षक को सीबीआई की टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया। इस कार्रवाई से रेल विभाग में हड़कंप मच गया। पकड़ा गया आरोपी मोरेश्वर अथमांडे बताया बताया गया। मोरेश्वर एसईसीआर के पर्सनल […]
नई दिल्लीः दक्षिण-पूर्व-मध्य के चिकित्सा विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी को दोबारा उसी विभाग में नियुक्ति देने के लिए 10,000 रुपए की रिश्वत लेते कार्यलय अधीक्षक को सीबीआई की टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया। इस कार्रवाई से रेल विभाग में हड़कंप मच गया। पकड़ा गया आरोपी मोरेश्वर अथमांडे बताया बताया गया। मोरेश्वर एसईसीआर के पर्सनल विभाग में विभाग अधीक्षक पद पर कार्यरत है।
एसईसीआर के चिकित्सा विभाग में मलेरिया खलासी पद पर कार्यरत विशाल उइके की शिकायत पर मामल दर्ज किया गया है। सीबीआई अधिकारी के मुताबिक चिकित्सा विभाग में मलेरिया खलासी का एक पद बताया गया था। हालांकि सरकार ने इस विभाग को बंद करने के आदेश दिए थे। इसलिए विशाल की नियुक्ति किसी अन्य विभाग में कर दी गई थी। वहीं 9 फरवरी को विशाल ने मोरेश्वर से मुलाकात की। इस चिकित्सा विभाग में ही नियुक्ति देने की बात कही। वहीं मोरेश्वर ने दोबारा नियुक्त देने के लिए 15,000 रुपए रिश्वत मांगी। साथ ही चेतावनी दी कि पैसे नहीं दिए तो उनकी किसी दूसरी जगह नियुक्ति नहीं होगी।
विशाल ने प्रकरण की शिकायत सीबीआई कार्यलय ऑफिस में की। सीबीआई की टीम ने सोमवार यानी 12 फरवरी को रिश्वत की मांग का वेरिफीकेशन किया। प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाई गई। निवेदन करने पर मोरेश्वर ने 10,000 रुपए लेने के लिए मान गया। एसईसीआर के पार्किंग एरिया में पंच समक्ष सीबीआई टीम ने मोरेश्वर के घर और कार्यालय की तलाशी भी शुरु कर दी है।
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