चारा घोटाला फैसला: मीसा भारती बोलीं- लालू यादव के एक अंश को ही जेल भेजा जा सकता है, बाकी अंश सदियों तक हर मनुवादी, संघवादी, सवर्णवादी को कचोटता रहेगा

लालू यादव को चारा घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 3.5 साल की जेल की सजा सुनाई है. इसके अलावा 5 लाख का जुर्माना लगाया है. लालू यादव रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव की बेल के लिए हाई कोर्ट जाएंगे.

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चारा घोटाला फैसला: मीसा भारती बोलीं- लालू यादव के एक अंश को ही जेल भेजा जा सकता है, बाकी अंश सदियों तक हर मनुवादी, संघवादी, सवर्णवादी को कचोटता रहेगा

Aanchal Pandey

  • January 6, 2018 7:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

पटना. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा 3.5 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी बेटी मीसा भारती ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. राजद मुखिया लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने ट्विटर पर लिखा है, ”लालू प्रसाद यादव के एक अंश को ही जेल भेजा जा सकता है, बाकी का 99% अंश नश्वर नहीं. वह हर दलित पिछड़े के 90 के दशक के जागरण का रूप धर सदियों तक हर मनुवादी, संघवादी, सवर्णवादी को कचोटता रहेगा. जन जागरण एक क्रांति है, और क्रांतिकारी हर सज़ा, हर ज़हर पीने को तैयार है.”

लालू प्रसाद यादव को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा कोर्ट ने लालू पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसमें खास बात यह है कि लालू समेत सभी दोषियों को जमानत नहीं मिलेगी. इसके लिए उन्हें हाई कोर्ट जाना होगा. तेजस्वी यादव ने जमानत के लिए जेल हाई कोर्ट जाने की बात कही. सीबीआई कोर्ट ने सजा का ऐलान देवघर कोषागार से अवैध रूप से 89.27 लाख रुपये निकालने के मामले में किया है. जज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू यादव समेत सभी 16 दोषियों को सजा सुनाई. सभी दोषियों ने रांची की बिरसा मुंडा जेल में एक साथ बैठकर जज का फैसला सुना.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लालू यादव को सजा वाले दिन ही दिल्ली की एक अदालत में मीसा भारती और उनके पति के खिलाफ धनशोधन मामले में दूसरा आरोपपत्र दायर किया. ईडी द्वारा शनिवार को दायर किए गए आरोपपत्र और पिछले आरोपपत्र पर पांच फरवरी को विचार करने का फैसला किया गया है. वहीं मीसा और उनके पति शैलेश कुमार के खिलाफ जांच के सिलसिले में ईडी के बार बार आरोपपत्र दायर करने से नाराज विशेष न्यायाधीश एन के मल्होत्रा ने सुनवाई शुरू ना होने देने के लिए एजेंसी को फटकार लगायी.

न्यायधीश ने कहा, ‘‘क्या आप सुनवाई शुरू करने देंगे या शिकायत ही दायर करते रहेंगे? आप कितने पूरक आरोपपत्र दायर करेंगे? आप एक प्रमुख जांच एजेंसी हैं, आप इस तरह से व्यवहार नहीं कर सकते, यह गलत तरह से तैयार की गयी शिकायत है,’’ अदालत ने मीसा और कुमार के खिलाफ गत 23 दिसंबर, 2017 को दायर आरोपपत्र का संज्ञान नहीं किया था, ईडी के विशेष वकील अतुल त्रिपाठी के मामले में और दलीलें पेश करने के लिए समय मांगने के बाद अदालत ने दोनों आरोपपत्रों पर विचार के लिए पांच फरवरी का दिन तय कर दिया.

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