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मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हटने पर CBI ने तोड़ी चुप्पी, कहा- ‘गंभीर खामियां हैं’

नई दिल्ली। भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को इंटरपोल ने वापस ले लिया है। इंटरपोल के इस फैसले से भारत की सियास में हड़कंप मच गया है। इसे लेकर केंद्र सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। इस बीच अब इस मामले पर सीबीआई ने चुप्पी तोड़ी […]

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(मेहुल चोकसी)
  • March 22, 2023 12:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को इंटरपोल ने वापस ले लिया है। इंटरपोल के इस फैसले से भारत की सियास में हड़कंप मच गया है। इसे लेकर केंद्र सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। इस बीच अब इस मामले पर सीबीआई ने चुप्पी तोड़ी है। जांच एजेंसी ने कहा है कि चोकसी का नाम भगोड़ों की लिस्ट से हटाने का फैसला सिर्फ काल्पनिक और अप्रमाणिक अनुमानों पर आधारित था। इसमें काफी गंभीर कमियां थीं।

सीबीआई ने क्या कहा?

इंटरपोल के नोटिस हटाने पर सीबीआई ने कहा कि सिर्फ काल्पनिक और अप्रमाणित अनुमानों के आधार पर पांच सदस्यीय सीसीएफ चैंबर ने मेहुल चौकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हटाने का फैसला लिया है। एजेंसी ने कहा कि सीबीआई इस दोषपूर्ण निर्णय को सुधारने और रेड कॉर्नर नोटिस की बहाली के लिए इंटरपोल के भीतर उपलब्ध अपीलीयी विकल्पों का इस्तेमाल कर रही है।

रेड कॉर्नर नोटिस हटा

बता दें कि, इससे पहले भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को इंटरपोल से बड़ी राहत मिली। इंटरपोल ने मेहुल का नाम रेड कॉर्नर नोटिस की लिस्ट से हटा दिया है। PNB घोटाले के आरोपी ने इससे पहले रेड नोटिस के खिलाफ इंटरपोल के लियोन हेडक्वॉर्टर में अपील की थी। वहीं, इस मामले में सीबीआई ने चुप्पी साधी हुई है। जांच एजेंसी की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है। मेहुल पंजाब नेशनल बैंक में 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी है। फिलहाल वो फरार है और भारत में भगोड़ा घोषित है।

क्यों रद्द हुआ नोटिस?

गौरतलब है कि, मेहुल चोकसी साल 2018 में भारत छोड़कर भाग गया था। इसके 10 महीने बाद उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। तब तक वो एंटीगुआ और बारबूडा में छुप कर रह रहा था। बाद में चौकसी को वहां की नागरिकता भी मिल गई। CBI द्वारा इंटरपोल को दिए एप्लीकेशन के जवाब में चौकसी ने कहा था कि भारत में जेलों की हालत बहुत खराब है, इसलिए उसे वहां न भेजा जाए। इसके बाद इंटरपोल की पांच सदस्यीय कमेटी ने इस मामले पर सुनवाई की, इस कमेटी को कमीशन फॉर कंट्रोल फाइल्स कहा जाता है। कोर्ट में इस लीगल कमेटी को रेड कॉर्नर नोटिस को रद्द करने का अधिकार प्राप्त है। इस कमेटी ने चौकसी के खिलाफ जारी हुए रेड कॉर्नर नोटिस को रद्द किया है।

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