नई दिल्ली: एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी जाति जनगणना को लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बनाए हुए हैं। तो वही कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य आनंद शर्मा ने जाति जनगणना पर पार्टी के आधिकारिक रुख का विरोध करते हुए बुधवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम एक पत्र लिखा है। इस पत्र […]
नई दिल्ली: एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी जाति जनगणना को लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बनाए हुए हैं। तो वही कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य आनंद शर्मा ने जाति जनगणना पर पार्टी के आधिकारिक रुख का विरोध करते हुए बुधवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम एक पत्र लिखा है। इस पत्र में जो बातें आनंद शर्मा ने लिखी हैं, उससे यह तो साफ है कि कांग्रेस पार्टा के जातिगत जनगणना के मुद्दे को उठाने की बात से आनंद शर्मा बिल्कुल भी खुश नहीं हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को लिखे पत्र में आनंद शर्मा ने कांग्रेस के समावेशी नजरिये को याद दिलाते हुए कहा है कि पार्टी का जातिगत जनगणना पर रुख पिछली कांग्रेस के विचारों के साथ बिल्कुल इत्तेफाक नही रखता। उन्होंने 1980 में इंदिरा गांधी द्वारा दिए गए नारे ‘ना जात पर ना पात पर, मुहर लगेगी हाथ पर’ को याद दिलाते हुए कहा कि सबको समान नजर से देखने वाली इस पार्टी का अपने पुराने रुख से पीछे हटना इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी की विरासत का अपमान है। उन्होने यह भी कहा जाति जनगणना देश में फैली सभी समस्याओं के समाधान के लिए रामबाण नहीं हो सकती।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जाति जनगणना के मुद्दे पर पार्टी से अलग रुख ऐसे वक्त पर अपनाया है जब लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और पार्टी जाति जनगणना और सामाजिक न्याय के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के अंदर उठती विरोध की आवाजे, राहुल गांधी के अभियान में बाधा डाल सकती है।
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जाति जनगणना के विषय को कई बार उठाया था। राहुल गांधी का मानना हैं कि जाति जनगणना देश का एक्स रे है और इससे समाज में फैली सारी असमानताए लोगो के सामने आ सकती हैं।
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