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डीजल-पेट्रोल नहीं आलू से फर्राटा भरेगी कार, वेस्ट छिलकों से तेल निकालने की तैयारी शुरू

नई दिल्ली: अभी इथेनॉल के उत्पादन के लिए भारत में ज्यादातर गन्ने और मक्के का ही फीड स्टॉक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। अब आलू को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। कुछ इलेक्ट्रिक कारों को छोड़कर इस समय ज्यादातार गाड़ियां डीजल या पेट्रोल से चलती हैं। परंतु जल्दी ही आपकी कारें […]

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डीजल-पेट्रोल नहीं आलू से फर्राटा भरेगी कार, वेस्ट छिलकों से तेल निकालने की  तैयारी शुरू
  • September 24, 2024 2:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: अभी इथेनॉल के उत्पादन के लिए भारत में ज्यादातर गन्ने और मक्के का ही फीड स्टॉक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। अब आलू को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। कुछ इलेक्ट्रिक कारों को छोड़कर इस समय ज्यादातार गाड़ियां डीजल या पेट्रोल से चलती हैं। परंतु जल्दी ही आपकी कारें आलू से फर्राटा भरने वाली हैं।

पोटैटो इंस्टीट्यूट का प्लान

 

आलू का प्रयोग सभी घरों की रसोई में सबसे ज्यादा किया जाता है। जानकारी के मुताबिक आलू से इथेनॉल बनाने की तैयारी चल रही है। इस काम के लिए सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से एक एक प्रस्ताव तैयार किया है। सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट का यह प्रस्ताव दरअसल आलू से इथेनॉल बनाने के लिए प्रायोगिक प्लांट लगाने का है। आलू के वेस्ट और छिलकों से इथेनॉल बनाने की अपनी तकनीक का इंस्टीट्यूट पायलट प्लांट में जल्द ही परीक्षण होने वाला है।

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ईंधनों का नया विकल्प

 

बता दें कि डीजल व पेट्रोल जैसे जीवाश्म ईंधनों के लिए इथेनॉल को ग्रीन और बेहतर विकल्प माना जा रहा है। इथेनॉल के रूप में बायोफ्यूल का कई देश बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। पेट्रोल में इथेनॉल को ब्लेंड करने की प्रक्रिया अब भारत में भी शुरू हो गई है। इसके अलावा आने वाले समय में डीजल में भी इथेनॉल को ब्लेंड किया जा सकता है। डीजल में इथेनॉल मिलाने की दिशा में सरकार ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।

भारत में आलू का उत्पादन ज्यादा

 

जानकारी के मुताबिक भारत में बड़े पैमाने पर आलू की खेती की जाती है। आलू का उत्पादन करने के मामले में भारत अभी चीन के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर चल रहा है। आलू के कुल उत्पादन कुछ आलुओं में 10-15 फीसदी हिस्से में खराबी के चलते छांट दिया जाता है। सीपीआरआई के वैज्ञानिकों का मानना है कि वेस्ट की मात्रा आलू के मामले में काफी ज्यादा होती है। आलू के लिए कोल्ड स्टोरेज की बात करें तो भारत में इसका सबसे विशाल नेटवर्क है। इथेनॉल के उत्पादन के लिए आलू का ठीक-ठाक वेस्ट मिल सकता है।

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