कोलकाता. कोलकाता में 75 साल के एक दिल के मरीज की तब मौत हो गई जब अस्पताल आग लगने पर स्ट्रेचर न होने के कारण उसे 2 फ्लोर तक पैदल नीचे उतरना पड़ा. इसके बाद से अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की बदहाली का चेहरा सामने आया है. बता दें कि साएदुल इस्लाम मलिक अस्पताल में अपने बेटे मोइदुल द्वारा नाश्ता लाने का इंतजार कर रहे थे तभी वहां ग्राउंड फ्लोर पर आग लगने की खबर आई. हालांकि मेडिकल स्टॉफ ने लोगों की सही सलामत निकालने की पूरी कोशिश की. लेकिन मलिक आक्सीजन पर थे तभी उन्होंने अपने बेटे को भागते हुए अपनी ओर आते देखा और राहत की सांस ली लेकिन न तो दोनों की मदद के लिए उन्हें कोई स्टाफ दिखाई पड़ा न ही स्ट्रेचर की सुविधा.
इसके बाद मोइदुल ने पिता के ऑक्सीजन सिलेंडर के कंधे पर उठाया और पिता को लेकर नीचे की ओर बढ़े. मलिक बड़ी मुश्किल से दो फ्लोर उतर तो गए लेकिन वे बुरी तरह हांफने लगे और इमरजेंसी वार्ड पहुंचते ही उनकी मृत्यु हो गई.
मोइदुल ने कहा कि उनके पिता ठीक से चल फिर नहीं पाते और कदम के बाद उन्हें आराम चाहिए होता है. जब तक वे दो फ्लोर नीचे उतरे उनकी सांस लेने की परेशानी काफी बढ़ गई. अगर आग न लगती तो मेरे पिता आज जिंदा होते. ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी अस्पताल की बदहाली का खामियाजा मरीज को जान देकर चुकान पड़ा हो. ऐसे कई मामले पहले भी आते रहे हैं.
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