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‘मोदी की गारंटी’ को बताया चाइनीज, लद्दाख को लेकर खड़गे ने लगाया पीएम पर आरोप

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, जिसे लेकर सियासी गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर लद्दाख को लेकर बड़ा आरोप लगाया हैं. उन्होंने एक्स पर ट्वीट शेयर कर पीएम मोदी पर हमला बोला है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाते हुए […]

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‘मोदी की गारंटी’ को बताया चाइनीज, लद्दाख को लेकर खड़गे ने लगाया पीएम पर आरोप
  • March 20, 2024 6:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, जिसे लेकर सियासी गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर लद्दाख को लेकर बड़ा आरोप लगाया हैं. उन्होंने एक्स पर ट्वीट शेयर कर पीएम मोदी पर हमला बोला है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाते हुए कहा कि लद्दाख में लोगों ने संविधान की छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा की मांग की है. मगर बाकी की गारंटियों की तरह ही कॉन्स्टिट्यूशनल राइट्स सुनिश्चित करने की ‘मोदी की गारंटी’ नकली और चाइनीज है. खड़गे ने दावा किया कि चीन की सेना आज भी हमारे क्षेत्रों पर कब्जा किये हुए है.

बता दें कि केंद्रशासित प्रदेश में लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत कॉन्स्टिट्यूशनल सिक्योरिटी दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहा है. वहां संविधान की छठी अनुसूची के तहत सिक्योरिटी की मांग की जा रही है. छठी अनुसूची आदिवासी कल्चर की रक्षा और उसके प्रोटेक्टशन के लिए है., दरअसल साल 2019 में केंद्रशासित प्रदेश बना लद्दाख, तब से ही छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहा है.

क्या हैं छठी अनुसूची?

छठी अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों के एडमिनिस्ट्रेशन से संबंधित प्रावधान हैं. छठी अनुसूची में कुछ जनजातीय क्षेत्रों को स्वायत्त संस्थाओं (Autonomous Institutions) के रूप में एडमिनिस्ट्रेशन के लिए प्रावधान किया गया है.

मोदी की गारंटी बहुत बड़ा विश्वासघात

मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक अंग्रेजी अखबार की खबर को शेयर करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. खड़गे ने कहा कि लद्दाख में संविधान की छठी अनुसूची के तहत जनजातीय समुदायों की सुरक्षा के लिए मांग उठ रही है. इसे लोगों का मजबूत समर्थन मिल रहा है. लेकिन और सभी गारंटियों की तरह ही लद्दाख के लोगों की संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित करने की ‘मोदी की गारंटी’ एक बहुत बड़ा विश्वासघात है. ये नकली और चाइनीज होने के अलावा कुछ नहीं है.

क्लीन चीट के बाद चीन को मिला बढ़ावा

खड़गे ने आगे आरोप लगाया कि मोदी सरकार लद्दाख के एनवायरनमेंट के प्रति संवेदनशील हिमालय के ग्लेशियरों का दोहन करना चाहती है और अपने करीबी दोस्तों को फायदा पहुंचाना चाहती है. खड़गे ने लिखा, ‘गलवान घाटी में हमारे 20 जांबाज सैनिकों के बलिदान के बाद पीएम मोदी ने चीन को क्लीन चीट दे दिया. इसकी वजह से हमारी रणनीतिक सीमाओं पर चीन की विस्तारवादी प्रकृति को बढ़ावा मिला है.

खड़गे ने सरकार को घेरते हुए कहा कि एक तरफ मोदी सरकार ने हमारी क्षेत्रीय अखंडता (Territorial Integrity) और राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) को खतरे में डाल दिया है. दूसरी तरफ वह लद्दाख के हमारे अपने नागरिकों के कॉन्स्टिट्यूशनल राइट्स पर हमला कर रही है.

चीन ने भारतीय इलाकों पर कब्जा किया

चीन के मुद्दे पर सरकार घेरते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 2014 के बाद से पीएम मोदी और उनके चीनी समकक्ष के बीच कम से कम 19 दौर की आमने-सामने की बातचीत हो चुकी है. इसके बावजूद मोदी सरकार 2020 से पहले यथास्थिति सुनिश्चित करने में विफल रही है. चीन ने देपसांग प्लेन्स, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा क्षेत्रों में भारतीय इलाकों पर कब्जा करना जारी रखा है. खरगे ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, लद्दाख की रक्षा और हमारी सीमाओं पर हमारे राष्ट्रीय हितों (National Interests) को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

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