BJP Rath yatra in West Bengal: पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की रथयात्रा पर कोलकाता हाईकोर्ट की संयुक्त पीठ ने रोक लगा दी है. संयुक्त पीठ ने राज्य में सुरक्षा स्थिति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका के साथ फिलहाल रथयात्रा पर रोक लगा दी है.
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की ‘गणतंत्र बचाओ रैली’ के तहत तीन रथ यात्रा निकाले जाने की योजना पर कोलकाता हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोलकाता हाईकोर्ट की संयुक्त पीठ ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए एकल पीठ के फैसले को पलट दिया. मुख्य न्यायाधीश देबाशीष कारगुप्ता और न्यायमूर्ति शम्पा सरकार की संयुक्त पीठ ने बीजेपी की रथयात्रा पर रोक लगाते हुए इस मामले को फिर एकल पीठ के पास भेज दिया है.
शुक्रवार को हुई सुनवाई में संयुक्त पीठ ने कहा कि इस मामले पर विचार करते वक्त एकल पीठ राज्य सरकार की ओर से दी गई खु्फिया जानकारी को ध्यान में रखे। शुक्रवार को हाईकोर्ट में दो जजों की पीठ ने रथयात्रा के मामले पर राज्य सरकार की अपील के बाद सुनवाई की थी. बता दें कि एक दिन पहले ही कोलकाता हाईकोर्ट के एकल पीठ में बीजेपी को रथयात्रा निकालने की मंजूरी मिली थी. जिसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने मामले की अपील संयुक्त पीठ में की थी.
Calcutta High Court’s Chief Justice bench has quashed the single bench’s order allowing BJP's yatra in West Bengal. pic.twitter.com/ymV2we6mlx
— ANI (@ANI) December 21, 2018
कोलकाता हाईकोर्ट का यह फैसला भाजपा के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है. बता दें कि पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी पकड़ और पहुंच बढ़ाने के लिए भाजपा लंबे समय से प्रयास कर रही है. लेकिन पश्चिम बंगाल में भाजपा को सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी से कड़ी चुनौती मिल रही है. इसी बीच लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राज्य के सभी 42 लोकसभा सीटों तक अपनी पहूंच बनाने के उद्देश्य के साथ भाजपा तीन रथयात्रा निकालने वाली थी.
भाजपा की पहली रथयात्रा 22 दिसंबर को कूच बिहार से निकाली जानी थी, जिसके एक दिन पहले हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. भाजपा के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार दूसरी रथयात्रा 24 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले से जबकि तीसरी रथयात्रा 26 दिसंबर को बीरभूम जिले के तारापीठ से निकाली जानी है. अब देखना है कि हाईकोर्ट की रोक के बाद भाजपा का रूख क्या होता है?