केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते साल 2 अक्टूबर को लोकसभा में बताया था कि देश के 11 राज्य, जिसमें गुजरात भी शामिल है, स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. लेकिन CAG की एक रिपोर्ट ने सरकारी दावों की पोल खोल कर रख दी है, रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अभी कई ऐसे गांव हैं जहां रह रहे लोगों के घर में या तो शौचालय नहीं है या फिर गंदगी और पानी की कमी की वजह वे लोग शौचालय होते हुए भी उनका उपयोग नहीं करते हैं.
नई दिल्लीः गुजरात के सीएम विजय रुपाणी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के खुले में शौच मुक्त राज्य के दावों की कैग (कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया) ने पोल खोल दी है. CAG ने सरकारी दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य के कई ग्रामीण इलाकों में अभी तक कई घरों में शौचालय तक नहीं है. कैग ने बुधवार को बनासकांठा, दाहोद, डंग, छोटा उदेपुर, पाटन, जामनगर, जूनागढ़ और वलसाड पर आधारित एक रिपोर्ट गुजरात विधानसभा में पेश की. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते साल 2 अक्टूबर को लोकसभा में बताया था कि देश के 11 राज्य, जिसमें गुजरात भी शामिल है, स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं.
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गुजरात सरकार ने मार्च में घोषित कर दिया था राज्य ओडीएफ (ओपन डिफिकेशन फ्री) हो चुका है. हालांकि अभी कई घर ऐसे हैं जहां शौचालय तक नहीं है. वहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि राज्य में कई लोग ऐसे भी हैं तो शौचालय होते हुए भी इनका इस्तेमाल नहीं कर रहे है. कैग की मानें तो पानी की कमी या शौचालयों में गंदगी के चलते इनका इस्तेमाल नहीं करते हैं. कैग ने गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कारण राज्य के खजाने को 17061 करोड़ रुपये के नुकसान की भी बात कही.
रिपोर्ट के अनुसार गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड राज्य का सबसे ज्यादा नुकसान में रहने वाला पब्लिक सेक्टर यूनिट बन गया है. गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश को खुले में शौच मुक्त कराने का पायलट प्रोजेक्ट चलाया हुआ है. सरकार का लक्ष्य है कि अक्टूबर, 2019 को देश को खुले में शौच से मुक्त किया जाए.
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