नई दिल्लीः त्योहार से पहले सरकार ने देश के करोड़ों किसानों को दिवाली का तोहफा दिया है। त्योहार से ठीक पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने 6 रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी। इसके लिए सरकार 87,657 करोड़ रुपये खर्च करेगी। गेहूं, चना, मसूर, सरसों, […]
नई दिल्लीः त्योहार से पहले सरकार ने देश के करोड़ों किसानों को दिवाली का तोहफा दिया है। त्योहार से ठीक पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने 6 रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी। इसके लिए सरकार 87,657 करोड़ रुपये खर्च करेगी। गेहूं, चना, मसूर, सरसों, जौ और सूरजमुखी के बीज समेत 6 रबी फसलों के लिए नए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की गई है।
गेहूं का एमएसपी 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 2,425 रुपये हो गया है, जबकि पिछले सीजन में यह 2,275 रुपये था। गेहूं देश के कई हिस्सों में एक प्रमुख फसल है और इस वृद्धि से खासकर उत्तरी भारत के किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य गेहूं उत्पादकों को उनके उत्पाद के लिए बेहतर कीमत दिलाना है, ताकि वे अपनी उत्पादन लागत को पूरा कर सकें और बाजार के उतार-चढ़ाव से उन्हें सुरक्षा मिल सकें।
सरसों के एमएसपी में 300 रुपये की वृद्धि की गई है, जिससे यह 5,650 रुपये से बढ़कर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सरसों राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े स्तर पर उगाई जाती है। सरसों के लिए उच्च एमएसपी से किसानों को बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद है और यह भारत की खाद्य तेल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
चने के एमएसपी में 210 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जिससे नई दर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। चना भारत में एक प्रमुख दलहन फसल है और इसका व्यापक रूप से सेवन किया जाता है। इस वृद्धि के साथ, सरकार दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में चना उगाने वाले किसानों को इस एमएसपी वृद्धि से लाभ होगा, जिससे उनको उत्पादन लागत को कवर करने और बेहतर लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
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