नई दिल्ली. सैनिक स्कूल के लिए केंद्रीय मंत्रीमंडल का बड़ा फैसला सामने आया है जिसके तहत मंत्रिमंडल ने सैनिक स्कूल सोसाइटी ( Cabinet Decision on Defence School Society ) के साथ सरकारी और निजी क्षेत्र के 100 विद्यालयों की संबद्धता को मंगलवार को मंजूरी दे दी जिसका मकसद बच्चों में मूल्य आधारित शिक्षा, चरित्र के […]
नई दिल्ली. सैनिक स्कूल के लिए केंद्रीय मंत्रीमंडल का बड़ा फैसला सामने आया है जिसके तहत मंत्रिमंडल ने सैनिक स्कूल सोसाइटी ( Cabinet Decision on Defence School Society ) के साथ सरकारी और निजी क्षेत्र के 100 विद्यालयों की संबद्धता को मंगलवार को मंजूरी दे दी जिसका मकसद बच्चों में मूल्य आधारित शिक्षा, चरित्र के साथ प्रभावी नेतृत्व, अनुशासन आदि को निरंतर बढ़ावा देना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बताया जा रहा है कि ये विद्यालय विशिष्ट स्तंभ के रूप में कार्य करेंगे जो रक्षा मंत्रालय के मौजूदा सैनिक स्कूलों से विशिष्ट और भिन्न होंगे इसके साथ ही प्रथम चरण में 100 संबद्ध होने वाले भागीदारों को राज्यों,एनजीओ और निजी भागीदारों से लिया जाना प्रस्तावित है. वहीं, अकादमिक वर्ष 2022-23 की शुरुआत से ऐसे 100 संबद्ध स्कूलों में करीब 5,000 छात्रों के छठी कक्षा में प्रवेश लेने की उम्मीद है.
मंत्रिमंडल और प्रशासन का कहना है कि सैनिक स्कूलों ने साधारण पृष्ठभूमि से उच्चतम स्तर पर पहुंचते हुए विद्यार्थियों का गौरवशाली इतिहास प्रस्तुत किया है. यही वजह है कि देश में लगातार और भी सैनिक स्कूल खुलवाने को लेकर माँग की जाती रही है. इसके अलावा देश भर में फैले 33 सैनिक स्कूलों के प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाने के लिए 100 नए संबद्ध सैनिक स्कूलों की स्थापना का निर्णय लिया गया है जिसमें सैनिक स्कूल सोसाइटी से संबद्ध होने के लिए आवेदन हेतु सरकारी, निजी स्कूलों और एनजीओ से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे. कुल मिलकर सरकार के इस फैसले के पीछे मकसद है कि मूल्य आधारित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना ताकि बच्चों को राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और विरासत पर गर्व करने चरित्र अनुशासन राष्ट्रीय कर्तव्य की भावना और देशभक्ति के साथ प्रभावी नेतृत्व विकसित करने में सक्षम बनाया जा सके.