Narendra Modi Cabinet on POCSO Act: नरेंद्र मोदी सरकार ने पॉक्सो एक्ट में किया बड़ा बदलाव, अब दोषियों को मिलेगी सजा-ए-मौत

Narendra Modi Cabinet on POCSO Act: प्रधाानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों और बच्चियों के खिलाफ रेप और हत्या करने वालों पर लगाम कसने के लिए पॉक्सो एक्ट में बड़ा बदलाव किया है. बच्चों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय कैबिनट ने दोषियों को सजा-ए-मौत का ऐलान किया है.

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Narendra Modi Cabinet on POCSO Act: नरेंद्र मोदी सरकार ने पॉक्सो एक्ट में किया बड़ा बदलाव, अब दोषियों को मिलेगी सजा-ए-मौत

Aanchal Pandey

  • December 28, 2018 5:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में शुक्रवार को प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट यानी पॉक्सो एक्ट में संशोधन कर इसे कड़ा कर दिया गया है. पहले इस एक्ट में अपराधियों को फांसी सजा नहीं दी जाती थी लेकिन नए संशोधन के बाद अब अपराधियों को फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है. पॉक्सो एक्ट में संशोधन करने का मकसद बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाना है. कैबिनेट ने ये फैसला देश भर से बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों के चलते लिया है.

ये घोषणा केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की. उन्होंने कहा की बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराध को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसी के चलते सरकार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है और उन्हें मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है. शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग के दौरान यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई. इस दौरान बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का ऐलान किया गया. पॉक्सो के तहत दोषी पाए गए अपराधियों के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने सजा ए मौत का ऐलान किया है.

बता दें कि कैबिनेट के इस फैसले के तहत 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ हत्या और रेप की घटनाओं के अंजाम देने वालों को बक्शा नहीं जाएगा. अगर अपराधियों ने 12 वर्ष से कम किसी भी बच्ची के साथ रेप और हत्या की घटना को अंजाम दिया तो उसे मौत की सजा दी जाएगी. प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट अर्थात् लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम (पॉक्सो) एक्ट साल 2012 में बनाया गया था. इस नियम के तहत दोषियों के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान था. लेकिन अब मोदी कैबिनेट के फैसल के चलते इसे और कड़ा कर दिया गया है. आपको बता दें कि कठुआ गैंग रेप के बाद महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने इस नियम को और कठोर बनाए जाने की बात कही थी.

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