नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार (11 मार्च) की शाम नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. जिसके बाद अब तीन मुस्लिम-बहुल पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) से धार्मिक तौर पर प्राताड़ित होकर भारत आए गैर-मुस्लिम लोगों के लिए भारतीय नागरिक बनने का रास्ता साफ हो गया. वहीं, सीएए में पूर्वोत्तर के कुछ राज्य शामिल नहीं हैं, उन्हें इसमें विशेष छूट मिली है. आइए जानते हैं उनके बारे में…
बता दें कि सीएए पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं होगा. इनमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं, जिन्हें संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है. जानकारी के मुताबिक, सीएए कानून को पूर्वोत्तर के उन सभी राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा, जहां पर देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को यात्रा करने के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ (ILP) की आवश्यकता होती है. गौरतलब है कि आईएलपी नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और मणिपुर में लागू है. इसी वजह से यहां पर सीएए लागू नहीं होगा.
बता दें कि इससे पहले कल (सोमवार) शाम को चार वर्ष के लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने नागरिकता संसोधन कानून का अमलीजामा दे दिया है. सीएए को साल 2019 में संसद के दोनों सदन से पारित करा लिया गया था. जिसके एक दिन बाद ही राष्ट्रपति ने तीनों बिल को मंजूरी दे दी थी। वहीं मंजूरी मिलने के बाद देशभर में कोरोना का कहर आ जाने के कारण सरकार कानून को लागू नहीं कर पाई थी. वहीं तीनों बिल के पास हो जाने के बाद मुस्लिम समाज ने जमकर सीएए का विरोध किया था.
CAA: देश भर में सीएए लागू, मोदी सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
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