नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 11 मार्च को देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू कर दिया है। इसके बाद से ही विपक्ष इसे लेकर हंगामा कर रहा है। इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि CAA कानून कभी वापस नहीं लिया […]
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 11 मार्च को देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू कर दिया है। इसके बाद से ही विपक्ष इसे लेकर हंगामा कर रहा है। इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जायेगा। इसे पलटना संभव नहीं है। बता दें कि अमित शाह कई बार यह कह चुके थे कि लोकसभा चुनाव से पहले ही लागू कर दिया जायेगा।
दरअसल विपक्षी दलों की इंडिया गठबंधन का कहना है कि CAA विभाजनकारी कानून है। जब वो सत्ता में आएंगे तो इसे रद्द कर देंगे। लेकिन इस पर अमित शाह का कहना है कि CAA को पलटना संभव नहीं है क्योंकि यह संवैधानिक कानून है। इस पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा। एएनआई को दिए इंटरव्यू में शाह ने कहा कि देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है और इसके साथ हम कभी समझौता नहीं करेंगे। विपक्ष इस मुद्दे पर इसलिए राजनीति कर रहा है क्योंकि उन्हें अपना वोट बैंक देखना है।
बता दें कि इससे पहले सोमवार शाम को चार वर्ष के लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने नागरिकता संसोधन कानून का अमलीजामा दे दिया है. बता दें कि सीएए को साल 2019 में संसद के दोनों सदन से पारित करा लिया गया था. जिसके एक दिन बाद ही राष्ट्रपति ने तीनों बिल को मंजूरी दे दी थी। वहीं मंजूरी मिलने के बाद देशभर में कोरोना का कहर आ जाने के कारण सरकार कानून को लागू नहीं कर पाई थी. वहीं तीनों बिल के पास हो जाने के बाद मुस्लिम समाज ने जमकर सीएए का विरोध किया था.
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