नई दिल्लीः असम में सीएए के खिलाफ जमकर विरोध हो रहा है। प्रदेश में केंद्र सरकार की खूब आलोचना की जा रही है है। अखिल असम छात्र संघ (आसू) और 30 स्वदेशी संगठनों ने सोमवार यानी 11 मार्च को गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विवादास्पद कानून सीएए […]
नई दिल्लीः असम में सीएए के खिलाफ जमकर विरोध हो रहा है। प्रदेश में केंद्र सरकार की खूब आलोचना की जा रही है है। अखिल असम छात्र संघ (आसू) और 30 स्वदेशी संगठनों ने सोमवार यानी 11 मार्च को गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विवादास्पद कानून सीएए की प्रतियां जलाई। इसके अलावा असम में 16 दलों के संयुक्त विपक्ष (यूओएफए) ने चरणबद्ध आंदोलन के तहत मंगलवार यानी 12 मार्च को राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है।
अखिल असम छात्र संघ (आसू) ने केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को अधिसूचित किए जाने के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की घोषणा कर दी है। आसू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने बताया कि हमने प्रत्येक जिले में सीएए की प्रतियां जलाने का निर्णय किया है। मंगलवार यानी 12 मार्च को नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (एनईएसओ) की ओर से क्षेत्र के सभी राज्यों की राजधानियों में सीएए की प्रतियां जलाई जाएंगी।
राज्य के सभी पुलिस थानों को अलर्ट पर रखा गया है, जबकि लगभग सभी कस्बों में प्रमुख मार्गों पर घेरे लगाए गए हैं। जिस जगह पर दिसंबर 2019 में अधिनियम के पारित होने के दौरान व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था। आसू के सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि हम सीएए के खिलाफ अपना अहिंसक, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखेंगे। साथ ही हम अपनी कानूनी लड़ाई भी जारी रखेंगे।