देश-प्रदेश

हार्दिक पटेल पाटीदार आरक्षण के नाम पर ‘गंजे को कंघी बेचने’ का काम कर रहे हैं?

गंजे को कंघी बेचनेवाली कहावत का सीधा सरल मतलब होता है कि किसी को हसीन ख्वाब दिखाना, मूर्ख बनाना और अपना काम निकाल लेना। राजनीति में ये बहुत होता है और आजकल कमोबेश यही काम पाटीदार नेता हार्दिक पटेल कर रहे हैं।

हार्दिक पटेल गुजरात चुनाव में कांग्रेस पर दांव लगा रहे हैं और ऐलान कर रहे हैं कि कांग्रेस सत्ता में आई तो पाटीदारों को आरक्षण मिलेगा।
सवाल है कि कैसे मिलेगा आरक्षण? गुजरात में पहले से 49.5 फीसदी आरक्षण है और 1992 की इंदिरा साहनी केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी की दायरे को नहीं लांघनी चाहिए। फिर अगर सत्ता में कांग्रेस हो या बीजेपी, आरक्षण मिलेगा कैसे? और वो भी तब जब हार्दिक पटेल कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने पर OBC या SC/ST को मिले आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं करेगी?

सीधा और सरल जवाब ये है कि हार्दिक पटेल और कांग्रेस पार्टी पाटीदारों को आरक्षण का वो सपना दिखा रही है जो पूरा होना बहुत ही मुश्किल है।
ऐसा कहने के पीछे का तर्क समझिए-

  1. हार्दिक पटेल कह रहे हैं कि कांग्रेस सत्ता में आई तो आर्टिकल 46 में संशोधन करके आरक्षण दिया जाएगा। सबसे पहली बात तो आर्टिकल 46 कोई बाध्य करनेवाला कानून नहीं बल्कि एक दिशा निर्देश भर है। ऐसे में आरक्षण देने के लिए बिल लाया भी गया तो भी उसका अदालत में टिकना मुश्किल होगा क्योंकि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने की दूसरे राज्यों की कोशिशें अदालतों में औंधे मुंह ही गिरी हैं।
  2. कोशिश का दूसरा तरीका हो सकता है कि पाटीदारों को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार कानून लाए और फिर उसे केन्द्र सरकार संविधान की 9 वीं अनुसूची में डाल दे। इसमें भी दो पेंच हैं लेकिन उन पेंचों को समझने के पहले ये समझना जरुरी है कि 9वीं अनुसूची में कानून डालने से होगा क्या।

क्या है संविधान की 9वीं अनुसूची?

– संविधान के आर्टिकल 31B के मुताबिक 9वीं अनुसूची मेें डाला गए किसी भी कानून को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। यानि यूं समझिए कि अगर पाटीदार आरक्षण का कानून बनाकर 9वीं अनुसूची में डाल दिया जाए तो आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा के पार होने के बावजूद उसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।

लेकिन यहीं पर दो पेंच सामने आकर खड़े हो जाते हैं।

पहला पेंच तो ये कि केन्द्र में बीजेपी की सरकार है। पाटीदारों को आरक्षण देने का राजनीतिक लाभ वो कांग्रेस को क्यों उठाने देगी और इसलिए विधानसभा में कानून पास भी हुआ तो केन्द्र के स्तर पर अटक जाएगा।

दूसरा सबेस बड़ा और महत्वपूर्ण पेंच ये है कि 24 अप्रैल 1973 के केशवानंद भारती जजमेंट के मुताबिक 9वीं अनुसूची में दाखिल कानून को भी अदालत में चुनौती दी जा सकती है और साथ ही 11 जनवरी 2007 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक भी 9वीं अनुसूची में शामिल किसी कानून को अदालत में चुनौती दी जा सकती है और अगर वो कानून समानता के मूल अधिकारों का उल्लंघन करता पाया गया तो अदालत उसे निरस्त भी कर सकती है।

यानि बहुत साफ है, पहला तो ये कि पाटीदारों को आरक्षण देने के लिए केन्द्र का साथ मिलना मुश्किल है औऱ दूसरे ये कि अगर बीजेपी राज्य के आरक्षण देने के कानून को 9वीं अनुसूची में शामिल करने को तैयार भी हो गई तो भी उसे अदालत में चैलेंज किया जा सकेगा और वहां उसका टिकना बहुत मुश्किल होगा।

अदालत में पाटीदारों के आरक्षण के टिकने की मुश्किलात की एक बड़ी वजह है इसके पहले दूसरे राज्यों की ऐसी कोशिशों का औंधे मुंह गिरना।

कब कब अदालतों ने ठुकराया 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण-

– 2014 में कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने महाराष्ट्र में मराठों को 16 फीसदी आरक्षण दिया लेकिन महाराष्ट्र में मराठों के आरक्षण पर मुंबई हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी

– हरियाणा में कांग्रेस सरकार ने जाटों को आरक्षण देने का एलान किया था। हरियाणा में जाट आरक्षण को चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया

– राजस्थान में गुर्जरों को 5 फीसदी आरक्षण देने का आदेश भी हाईकोर्ट रद्द कर चुका है।

– अप्रैल 2016 में गुजरात सरकार ने पाटीदार और अन्य जातियों को 10 फीसदी आरक्षण दिया था लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने पाटीदारों और अन्य जातियों के 10 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया।

तमिलनाडू में आरक्षण का दायरा 69 फीसदी तक पहुंच चुका है लेकिन वो सुप्रीम कोर्ट के 1992 में आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तय करने से पहले की बात है।

ऐसे में सवाल ये है कि हार्दिक पटेल क्या झूठ की स्याही से जीत की इबारत लिखना चाह रहे हैं या फिर कांग्रेस के झांसे में आ गए हैं?

जवाब जो भी हो, इतना तो तय है कि पाटीदारों को आरक्षण का गणित समझना चाहिए और फिर कुछ सवाल अपने ही नेताओं से पूछने चाहिए।

महाबहस: पाटीदारों को आरक्षण देने का वादा कैसे पूरा करेगी कांग्रेस?

गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का विवादित बयान, राहुल गांधी-हार्दिक पटेल को बताया मूर्ख

Aanchal Pandey

Recent Posts

50 की उम्र में भी दिखेंगे जवान, बस दूध में डालकर इस चीज का कर लें सेवन, मिलेंगे अद्भुत फायदे

आज के समय में हर व्यक्ति लंबे समय तक युवा और ऊर्जा से भरपूर दिखना…

22 minutes ago

Chhota Rajan: तिहाड़ में बंद छोटा राजन की बिगड़ी तबीयत, दिल्ली AIIMS में भर्ती

दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन तबीयत अचानक बिगड़ गई…

22 minutes ago

अंबानी जैसा अमीर बनना है तो सुबह उठकर न करें ये काम, वरना हमेशा फैलानी पड़ेगी झोली

वास्तु शास्त्र में सुबह उठने के बाद कुछ कार्य करने पर प्रतिबंध है जिन्हे करने…

24 minutes ago

रश्मिका मंदाना को लगी चोट, सलमान खान की फिल्म सिकंदर की शूटिंग पर लगा ब्रेक

फिलहाल इस फिल्म की शूटिंग चल रही है, जिसे बीच में ही रोकना पड़ा है.…

41 minutes ago

मेरठ हत्याकांडः गठरी बोरी और बेड में मिली पत्नी और बेटियों की लाशें, पत्थर काटने वाली मशीन से काटा पांचो का गला

राजमिस्त्री मोईनुद्दीन, उसकी पत्नी आसमा और उसकी तीन बेटियों का शव उनके किराये के घर…

51 minutes ago

गैंगस्टर के जेल से बाहर आने पर साथियों ने निकाला जुलूस, पुलिस ने सिखाया सबक और कराई परेड

महाराष्ट्र के पुणे से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां पर…

59 minutes ago