पटना। बिहार के बक्सर जिला के चौसा प्रखंड में स्थित बनारपुर में पुलिस द्वारा 11 जनवरी की रात 12 बजे पुलिस द्वारा किसानों पर किए गए लाठीचार्ज को लेकर भाजपा नेता सुशील मोदी ने नीतीश सरकार की कड़ी आलोचना की है। सुशील मोदी ने कहा कि, रात 12 बजे किसानों के घरों में जाकर उन […]
पटना। बिहार के बक्सर जिला के चौसा प्रखंड में स्थित बनारपुर में पुलिस द्वारा 11 जनवरी की रात 12 बजे पुलिस द्वारा किसानों पर किए गए लाठीचार्ज को लेकर भाजपा नेता सुशील मोदी ने नीतीश सरकार की कड़ी आलोचना की है। सुशील मोदी ने कहा कि, रात 12 बजे किसानों के घरों में जाकर उन पर लाठीचार्ज करना पूरी तरह गलत है। ये सभी लोग एक आम किसान थे जो अपने जमीनों का मुआवजा पाने के लिए आंदोलन कर रहे थे। लेकिन पुलिस द्वारा किए गए लाठी चार्ज से लगता है ये लोग कोई बड़े अपराधी है।
सुशील मोदी ने आगे कहा, माना किसानों की झड़प पुलिस के साथ हुई थी, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप उनके साथ अपराधियों की तरह बर्ताव करें। ऐसे पुलिसकर्मियों का तबादला नहीं, सरकार को इन्हें तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। बीजेपी नेता ने आगे कहा कि किसानों ने सरकार को अपनी 600 एकड़ जमीन 2013 के रेट के अनुसार दी थी, लेकिन अब सरकार इनका भुगतान 2022 के रेट के अनुसार कर रही है। 2013 में तय किए गए रेट के भुगतान की जगह 2022 के रेट के अनुसार मुआवजा देना किसानों के साथ धोखा करने जैसा है।
बक्सर जिले के चौसा ब्लॉक में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी द्वारा किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था। इस अधिग्रहण को लेकर किसान अपनी जमीन का उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। जिसके बाद कल रात 12 बजे पुलिस द्वारा घरों में सो रहे किसानों पर अचानक लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया गया। जिसके विरोध में 11 जनवरी को किसानों ने चौसा स्थित पावर प्लांट में घुसकर हंगामा किया। वहीं लाठीचार्ज से गुस्साएं किसानों ने पुलिस की एक गाड़ी में आग भी लगा दी थी।
कंपनी ने थर्मल पावर प्लांट लगाए जाने से पहले जिले के सभी किसानों को कंपनी द्वारा आश्वासन दिया था कि कंपनी के इस इलाके में स्थापित हो जाने के बाद जिले में तीव्र गति से विकास के साथ स्कूल, होटल और रोजगार के संसाधनों को बढ़ाया जाएगा।
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