नई दिल्लीः यूपी के गाजीपुर में एचटी लाइन की चपेट में आने से बस में सोमवार को आग लग गई थी। दर्दनाक घटना में चार महिलाओं समेत पांच लोग जिंदा जल गए थे। वहीं दस लोग गंभीर रूप से झुलसे हैं, इनमें से आठ गाजीपुर जिला अस्पताल में भर्ती हैं, एक वाराणसी और एक मऊ रेफर किया गया है। नाराज लोगों ने घटना के बाद हंगामा करने लगे थे। इस पर पुलिस ने लाठी भांजकर भीड़ को स्थिर किया।
हादसे वाली बस में सुनीता अपनी पांच माह की बच्ची के साथ यात्रा कर रही थीं। अचानक जब उस बस में आग लग गई तो बच्ची को बचाने के लिए सुनीता ने उसे गेहूं के खेत में फेंक दिया था। हादसे के काफी देर बाद बच्ची वहां खेत में मौजूद लोगों को मिली। वहीं जलती बस से दूर खेत में पड़ी बच्ची को किसी ने देखा और उसे पुलिस के हवाले कर दिया था।
महाहर धाम से 400 मीटर दूर दिन में जो हादसा हुआ उसे सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए। बस में सवार बचे लोगों से अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इनमें कुछ से बातचीत की गई तो वे उस समय को याद कर रो पड़े और आपबीती सुनाई। इनमें सुनीता ने तो अपनी पांच माह की बच्ची को जलने से बचाने के लिए उसे गेहूं के खेत तक में फेंक दिया था।
बिजली निगम के तीन अधिकारियों अधिशासी अभियंता मनीष, एसडीओ संतोष चौधरी और जेई प्रदिप कुमार सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं संविदाकर्मी लाइनमैन नरेंद्र की सेवा समाप्त कर दी गई है।
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