नई दिल्ली ; शुक्रवार का दिन कई मायनों में खराब रहा. जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री की माताजी हीराबेन ने 100 वर्ष की उम्र में आखिरी सांसें ली वहीं क्रिकेट जगत का बड़ा नाम क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार शुक्रवार को हादसे का शिकार हो गई. इस एक्सीडेंट में उन्हें काफी गंभीर चोटें आई हैं. उनके […]
नई दिल्ली ; शुक्रवार का दिन कई मायनों में खराब रहा. जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री की माताजी हीराबेन ने 100 वर्ष की उम्र में आखिरी सांसें ली वहीं क्रिकेट जगत का बड़ा नाम क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार शुक्रवार को हादसे का शिकार हो गई. इस एक्सीडेंट में उन्हें काफी गंभीर चोटें आई हैं. उनके पीठ, पेअर के कुछ इससे गंभीर रूप से घायल हुए हैं. यह एक्सीडेंट रूड़की के पास मोहम्मदपुर जाट एरिया में हुआ. इस बीच पंत के लिए मसीहा बनने वाले बस ड्राइवर की भी खूब चर्चा हो रही है जिसने पंत को ना सिर्फ आग उगलती गाड़ी से निकाला बल्कि बिना किसी देरी के अस्पताल पहुंचाया.
दरअसल शुक्रवार को ऋषभ पंत अपने होम टाउन रुड़की जा रहे थे. इस दौरान वह खुद कार ड्राइव कर रहे थे. इसी बीच उन्हें झपकी आई और उनकी कार डिवाइडर से टकराकर दुर्घटना ग्रस्त हो गई. पंत ने खुद ज़िक्र किया कि वह विंड स्क्रीन तोड़कर बाहर आए. जहां उनकी कार में भीषण आग लग गई थी. इस दौरान पंत को सबसे पहले बस ड्राइवर सुशील ने ही बचाया.
हरिद्वार एसएसपी अजय कुमार ने जानकारी दी कि जिस वक्त गाड़ी में एक्सीडेंट हुआ, उस वक्त हरियाणा रोडवेज की बस पीछे ही चल रही थी. बस चालक सुशील कुमार ने हादसा देखते हुए अपनी गाड़ी रोकी और 112 नंबर पर फोन घुमाया. इसके बाद सुशील कुमार ने ऋषभ पंत को अस्पताल पहुंचाया गया.
सुशील कुमार ने एक समाचार चैनल को बताया कि ‘मैं हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर हूं और मैं हरिद्वार से आ रहा था. मैं जब नारसन के पास पहुंचा तो मैंने देखा दिल्ली की तरफ से कार आई और करीब 60-70 की स्पीड में डिवाइडर से टकरा गई. हरिद्वार वाली लाइन पर टकराने के बाद ये कार आ गई. मुझे लगा कि अब बस भी टकरा जाएगी और हम किसी को बचा ही नहीं सकेंगे. क्योंकि दोनो के बीच केवल 50 मीटर का ही फासला था.
मैंने तुरंत सर्विस लाइन से हटकर गाड़ी फर्स्ट लाइन में लगाई और वो गाड़ी सेंकड लाइन में निकल गई. मेरी गाड़ी 50-60 की स्पीड में थी इसलिए मैंने तुरंत ब्रेक लगाया और खिड़की साइड से कूदकर गया.’ आगे मैंने देखा कि वह आदमी (ऋषभ पंत) जमीन पर पड़ा है और मुझे लगा कि वह बचेगा नहीं. कार में से आग निकल रही थी. मैंने उसे उठाया और गाडी से दूर किया. इसके बाद मैंने उसे चादर से लपेटा. ‘
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