देश-प्रदेश

बुराड़ी सामूहिक सुसाइड: मर चुके बाप समेत 5 लोगों की भटकती आत्मा की मुक्ति के चक्कर में आत्महत्या

नई दिल्ली: दिल्ली में बुराड़ी के एक ही परिवार के 11 लोगों के फांसी लगाने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. बुराड़ी सामूहिक सुसाइड मामले में अब एक डायरी मिली है जिसके बाद मामले में नया मोड़ आ गया है. दरअसल ललित के पिता भोपाल सिंह को मौत के बाद उसे और चार अन्य लोगों को मुक्ति नही मिली थी. इसीलिए उसे मुक्ति दिलाने के लिए ये सब क्रियाएं की जा रही थी. उन सभी को मुक्ति दिलवाने के लिए ये क्रियाएं की गई थी. जिसमे सभी की मौत हो गई. इन सब बातों का जिक्र एक डायरी में किया गया है. 

 डायरी में लिखा है कि 5 भटकी आत्माओं को मुक्ति दिलवाने के लिए ये क्रियाएं की गईं थी. क्राइम ब्रांच ने जो रजिस्टर बरामद किए हैं उनमें से एक पेज पर ये लिखा है कि  अपने सुधार में गति बाधा दो ये भी तुम्हारा धन्यवाद करता हूं कि तुम भटक जाते हो पर फिर एक दूसरे कि बात मानकर एक छत के नीचे मेल मिलाप कर लेते हो. 5 आत्माएं मेरे साथ भटक रही है. अगर तुम अपने मे सुधार करोगे तो सज्जन सिंह, हीरा, दयानंद देवी, गंगा देवी जी…उन्हें भी गति मिलेगी. तुम तो सोचते होंगे कि हरिद्वार जाकर सब कुछ कर आये तो गति मिल जाएगी. जैसे में इस चीज के लिए भटक रहा हूं ऐसे ही ये सब भी मेरे सहयोगी बने हुए है. यह भी यही चाहते है कि तुम सब सही कर्म करके अपना जीवन सफल बनाओ. अगर हरे नियमित काम पूरे हो जाएंगे तो हम अपने लोक चले जायेंगे.

ये खुलासे पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताए जाने वाले मृतक ललित की डायरी से हो रहे हैं. ताजा खुलासा मौत की रिहर्सल से जुड़ा है, जिसके तहत यह पता चला है कि मृतक भाटिया परिवार ने 30 जून की रात से पहले 6 दिन तक फंदे पर लटकने का अभ्यास किया था.

ललित द्वारा 30 जून को लिखी गई डायरी से इस बात का खुलासा हुआ है कि परिवार ने मौत के फंदे पर लटकने से पहले 6 दिनों तक इसकी प्रैक्टिस की. इस दौरान वो इसलिए बच जाते थे क्योंकि प्रैक्टिस के दौरान परिवार के लोगों के हाथ खुले रहते थे. हालांकि डायरी में लिखी बात के अनुसार सातवें दिन यानी 30 जून की रात को सिर्फ ललित और उसकी पत्नी टीना के हाथ खुले थे और बाकि सबके हांथ बंधे हुए थे.

पुलिस को संदेह है कि ललित ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर परिवार के सभी सदस्यों के हाथ बांधे होंगे और सबके लटकने के बाद खुद भी फांसी पर लटक गए होंगे. डायरी के मुताबिक, भाटिया परिवार ने 24 जून से फंदे पर लटकने की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. ललित ने घर वालों को ये यकीन दिला रखा था कि 10 साल पहले मर चुके पिता भोपाल सिंह राठी अब भी घर आते हैं और उससे बाते करते हैं. रिपोर्ट के अनुसार जिस दिन आत्महत्या की उस दिन इन्होंने सिर्फ रोटी खाई थी क्योंकि रजिस्टर में लिखा है कि जिस दिन क्रिया करनी है उस दिन सिर्फ रोटी ही खानी है. रोटी के अलावा कुछ और नही खाना है.

बुराड़ी सामूहिक सुसाइड: क्या शेयर्ड साइकोटिक डिसऑर्डर जैसी गंभीर मानसिक बीमारी का मरीज था ललित भाटिया?

बुराड़ी कांड का 11 कनेक्शन: 11 मौत, 11 पाइप के बाद खुलासा, मास्टरमाइंड ललित भाटिया डायरी भी 11 साल से लिख रहा था

Aanchal Pandey

Recent Posts

30 साल पहले BJP से जुड़े.. पहले महाराष्ट्र फिर दिल्ली की राजनीति में जमाई धाक! जानें कौन हैं विनोद तावड़े

दावा किया गया कि बीजेपी में राष्ट्रीय महासचिव का पद संभालने वाले तावड़े के बारे…

2 hours ago

दिल्ली में प्रदूषण के आंकड़ों में हेरफेर! iTV सर्वे में लोग बोले- असलियत ज्यादा भयावह

दिल्ली की जहरीली हवाओं ने लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया है. इस बीच…

3 hours ago

सेंट्रल जेल में कैदी आराम से कर रहा मोबाइल पर बात, वीडियो वायरल

एक कैदी जेल के गलियारे में आराम से बैठकर मोबाइल फोन पर बात करता नजर…

4 hours ago

घर पर बनाये बजार जैसा टेस्टी टोमेटो सॉस, जानें यहां रेसिपी

नई दिल्ली: बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को टमाटर की चटनी खाना पसंद है.…

7 hours ago

राम चरण ने निभाया एआर रहमान से किया वादा, कहा- दरगाह से है गहरा नाता

हाल ही में राम चरण ने एआर रहमान से किया अपना वादा निभाया है. संगीतकार…

7 hours ago

असिस्टेंट लोको पायलट के लिए कब जारी होगा एडमिट कार्ड ?

रेलवे भर्ती बोर्ड ने 28 नवंबर को होने वाली असिस्टेंट लोको पायलट भर्ती परीक्षा के…

7 hours ago