नई दिल्ली: 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर आज कल काफी सुर्ख़ियों में हैं. खेडकर पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सुविधाएं मांगने, चोरी के आरोपी को छोड़ने की सिफारिश करने और दिव्यांगता का गलत सर्टीफिकेट लगाकर आईएएस बनने सहित ढेरों आरोप लगे हैं. अब केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक सभी […]
नई दिल्ली: 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर आज कल काफी सुर्ख़ियों में हैं. खेडकर पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सुविधाएं मांगने, चोरी के आरोपी को छोड़ने की सिफारिश करने और दिव्यांगता का गलत सर्टीफिकेट लगाकर आईएएस बनने सहित ढेरों आरोप लगे हैं. अब केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक सभी हरकत में आ गये हैं. उनके बंगले में अवैध निर्माण तोड़ने के लिए बुलडोजर रवाना कर दिये गये हैं.
गुरुवार को केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी , यह समिति दो हफ्तों में अपनी जांच की रिपोर्ट देगी, डीओपीटी के अतिरिक्त सचिव इस मामले की जांच करेंगे. पूजा की तैनाती असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर हुई थी, इन आरोपों के चलते उनका ट्रांसफर वाशिम जिले में समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी के रूप में कर दिया गया था.
बताया यह भी जा रहा है कि पुणे में तैनाती के दौरान उन्होंने अपनी निजी वाहन पर लाल और नीली बत्ती लगवाई, कलेक्टर से सुविधाएं मांगी. इसकी जानकारी एक अधिकारी ने गुरुवार को दी. खेडकर की गाड़ी एक निजी कंपनी के नाम से पंजीकृत है और अतीत में इस वाहन पर चालान भी कटे हैं.
इस पूरे मामले पर जब उनसे टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं वाशिम जिला में कार्यभार सँभालते हुए खुश हूँ, यहां काम करने के लिए उत्सुक हूँ और जब उन पर लगे आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की मैं इस मुद्दे पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूँ | सरकारी नियमों के हिसाब से इस मामले में कुछ नहीं बोल सकती.