चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले ने इस समय पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा हुआ है. जहां जोशीमठ में लगातार पड़ रही दरारों ने लगभग 4000 परिवारों की चिंता बढ़ाई हुई है. राज्य से लेकर केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि इन परिवारों को बिना किसी चिंता के सही सलामत निकाला […]
चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले ने इस समय पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा हुआ है. जहां जोशीमठ में लगातार पड़ रही दरारों ने लगभग 4000 परिवारों की चिंता बढ़ाई हुई है. राज्य से लेकर केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि इन परिवारों को बिना किसी चिंता के सही सलामत निकाला जा सके. इसी कड़ी में जोशीमठ स्थित मलारी होटल भी अब दरारों की चपेट में आ गया है.
जानकारी के अनुसार इस होटल को कुछ ही साल पहले साल 2011 में बनाया गया था. होटल मालिक ठाकुर सिंह राणा का कहना है कि होटल बनाते समय जोशीमठ की नगर पालिका से इज़ाज़त ली गई थी. इसके अलावा पूरे 10 सालों में किसी ने भी इस जगह के भूमि आपदा क्षेत्र में होने की जानकारी नहीं दी है. अब इस होटल को बुलडोज़र की मदद से ढहाया जा रहा है. गौरतलब है की होटल में पहले से ही कई दरारे पड़ चुकी हैं. इन्हीं दरारों और संभावित खतरे को देखते हुए इस होटल को अब दहाने का फैसला लिया गया है.
गौरतलबन है कि सोमवार शाम तक जोशीमठ में नौ वार्ड के 678 मकानों की पहचान हुई है. इन सभी घरों में दरारों ने चिंता बढ़ाई हुई है. इसी कड़ी में अब सुरक्षा की नजर से दो होटलों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बंद कर दिया गया है. दावा किया जा रहा है कि सरकार द्वारा 19 जगहों पर 213 कमरे में 1191 लोगों के ठहरने की व्यवस्था बनाकर रखी गई है. हालांकि अब तक केवल 82 परिवार ही विस्थापित किए जा चुके हैं.
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