प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में अब एक बार फिर बुलडोज़र की कार्रवाई देखने को मिली है. जहां माफिया और हत्याकांड के मुख्य आरोपी अतीक अहमद के करीबी के घर पर एक बार फिर बुलडोज़र चलाया जा रहा है. आज मामले के अन्य आरोपी मसकुद्दीन का ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है. बता दें, मसकुद्दीन पर 16 से अधिक मामले दर्ज़ हैं.
उसपर एक इंस्पेक्टर की हत्या का भी आरोप है. साथ ही अब उसपर उमेश पाल हत्याकांड का भी आरोप है. इसी हत्याकांड को लेकर मसकुद्दीन के समधी के बमरौली स्थित घर पर बुलडोजर चलाया गया है. बताया जा रहा है कि मसकुद्दीन के साथ-साथ उसके खानदान के कई लोगों के खिलाफ कई मुक़दमे दर्ज़ हैं. उसपर ही अकेले 16 केस दर्ज़ हैं और उसके पूरे परिवार पर 40 से ज़्यादा केस दर्ज़ किए गए हैं. बता दें, उमेश पाल हत्याकांड के बाद आरोपियों पर प्रदेश सरकार की बुलडोज़र कार्रवाई देखी जा रही है. इसी कड़ी में आज पूरामुफ्ती थाना अंतर्गत अहमदपुर अतरौली में पीडीए का बुलडोजर पहुंचा. बताया जा रहा है कि मसकुद्दीन माफिया अतीक का करीबी है.
बता दें, इससे पहले गुड्डू मुस्लिम उर्फ जफर अहमद के घर पर भी बुलडोज़र की कार्रवाई की गई थी. गुड्डू मुस्लिम को भी अतीक अहमद का करीबी बताया जाता है. दरअसल गुड्डू अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड में खूब बम बरसाए. बताया जा रहा है कि हत्या के बाद भी वह अपनी प्रेमिका से मिलने गया था जो कई बच्चों की माँ भी है. शुक्रवार को इसी गुड्डू मुस्लिम का घर बुलडोज़र से जमींदोज किया जा रहा है. बता दें, पुलिस ने इस मामले में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को मुख्य आरोपी बनाया है. इसके बाद इस हत्याकांड में सबसे अधिक चर्चा गुड्डू मुस्लिम की हो रही है. उसकी खतरनाक बमबाजी इस समय चर्चा में बनी हुई है. सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर ही गुड्डू का बम फेंकते हुए वीडियो वायरल हो रहा है. उसका ये कारनामा अपराध की दुनिया में भी चर्चा में है.
पुलिस की पड़ताल में उमेश पाल के क़त्ल की वजह निकलकर सामने आई है. पुलिस की मानें तो इस शूटआउट के पीछे अतीक के साथ उमेश पाल की एक जमीन के झगड़े की कहानी जुड़ी हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो क़त्ल से ठीक एक साल पहले यानी 24 फरवरी 2022 को उमेश और अतीक की दुश्मनी में एक और नया एपिसोड शुरू हुआ था. दरअसल उमेश पाल की पीपलगांव में एक पुश्तैनी जमीन थी 22 फरवरी 2022 को उमेश पाल को कुछ लोगों ने फ़ोन कर सूचना दी कि कुछ लोग उसकी जमीन पर कब्ज़ा कर रहे हैं. जब उमेश पाल मौके पर पहुंचा तो उसने खालिद जफर, मोहम्मद मुस्लिम, अबूसाद, दिलीप कुशवाहा समेत छह-सात लोगों को मजदूरों के साथ अपनी जमीन पर देखा.
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने डियो कैडर में सहायक ऑपरेटर और…
रेलवे भर्ती बोर्ड ने एक बार फिर भारतीयों का पिटारा खोल दिया है। बोर्ड ने…
महाराष्ट्र में छगन भुजबल के अजित पवार वाली एनसीपी के नेता भुजबल नई सरकार में…
रविचंद्रन अश्विन ने 2024 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अचानक रिटायरमेंट लेने का फैसला किया…
गुरुवार को अंबेडकर विवाद को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। इस दौरान…
25 साल की सेवा पूरी करने के बाद कर्मी अपने गृह क्षेत्र के नजदीक जा…