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Bulandshahr Violence: बुलंदशहर में गोकशी विरोधी हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह दादरी में अखलाक की बीफ मॉब लिंचिंग हत्या के वक्त बिसहड़ा में थानेदार थे

Bulandshahr Violence Inspector Subodh Singh Dadri Akhlaq Mob Lynching: बुलंदशहर के स्याना इलाके में गोकशी विरोधी हिंसक प्रदर्शन में गोली लगने से शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह उस वक्त दादरी के बिसहड़ा में थानेदार थे जब 2015 के सिंतबर में बीफ रखने के शक में ग्रामीणों की मॉब लिंचिंग में मोहम्मद अखलाक की हत्या हो गई थी.

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Bulandshahr Violence Inspector Subodh Singh Dadri Akhlaq Mob Lynching
  • December 3, 2018 9:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. बुलंदशहर के स्याना थाना इलाके में गोकशी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के दौरान भीड़ से चली गोली से शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह दादरी के बिसहड़ा गांव में बीफ के शक में मोहम्मद अखलाक की मॉब लिंचिंग हत्या केस के वक्त उस इलाके के थानेदार थे. बुलंदशहर में सोमवार को तीन-चार गांव के लोगों ने गोकशी की शिकायतों को लेकर उग्र प्रदर्शन किया और समझाने गई पुलिस पर हमला बोल दिया. भीड़ ने थाने में आग लगा दी और थाने में लगी कई गाड़ियों को जला दिया. हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के अलावा चमरावती गांव के सुमित कुमार नाम के युवक की भी मौत हो गई है. दोनों को गोली लगी थी.

दादरी के बिसहड़ा गांव में 28 सितंबर, 2015 को मोहम्मद अखलाक के घर पर बीफ रखने के शक में सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ ने हमला बोल दिया था. उग्र लोगों की मॉब लिंचिंग में अखलाक की मौत हो गई थी जबकि दानिश गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. अखलाक मॉब लिंचिंग इतना बड़ा विवाद बना था कि उसके बाद साहित्यकारों और कलाकारों ने धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ते मामलों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लिया था और अवार्ड वापसी अभियान शुरू कर दिया था. घटना के करीब दो महीने बाद नवंबर में सुबोध कुमार सिंह का तबादला बनारस कर दिया गया था.

सुबोध सिंह बिसहड़ा के थानेदार थे इसलिए अखलाक हत्याकांड की तबादला होने तक उन्होंने ही जांच की थी. सुबोध सिंह ने उस समय इंटरव्यू में कहा भी था कि अखलाक हत्याकांड में जो गिरफ्तारी हुई हैं वो सब मृतक के परिवार के बयान के आधार पर हुई हैं. कुछ समाचार वेबसाइट पर ये कहा जा रहा है कि सुबोध सिंह अखलाक हत्याकांड की जांच से जुड़े होने की वजह से उस मामले में कोर्ट में कोई अहम गवाही देने वाले थे. ऐसी खबरों का इशारा ये है कि स्याना में गोकशी पर बवाल के दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कोई साजिश भी हो सकती है.

https://twitter.com/Interceptors/status/1069637937309065216

इनखबर के पास ऐसी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि वो इस मामले के जांच अधिकारी थे या नहीं, या फिर वो अखलाक हत्याकांड में कोई गवाही देने वाले थे या नहीं. इनखबर के पास जो बात पुख्ता तौर पर है वो सिर्फ इतनी है कि सुबोध सिंह उस वक्त बिसहड़ा में पोस्टेड थे जब दादरी में अखलाक की मॉब लिंचिंग हुई थी और शुरुआती जांच में वो शामिल थे.

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