Bulandshahr Violence: बुलंदशहर हिंसा में मारे गए यूपी पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के केस में बड़ी सच्चाई सामने आई है. इस केस की जांच में जुटी यूपी पुलिस ने गुरुवार को प्रशांत नट को गिरफ्तार किया. पुलिस हिरासत में नट ने अपना गुनाह कबूल किया है. साथ ही हिंसा वाले दिन की कई सच्चाईयों को भी उजागर किया है.
बुलंदशहर. बुलंदशहर में गोकशी के बाद हिंसक हुई भीड़ के हाथों जान गंवाने वाले पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के केस में कई नई खुलासे हुए है. बुलंदशहर हिंसा की जांच में जुटी पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर जानकारी दी कि सुबोध कुमार सिंह को गोली मारने से पहले उनपर लाठी, डंडे, पत्थर, कुल्हाड़ी जैसे हथियारों से हमला किया गया था. अपनी जांच रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने यह भी बताया कि सुबोध कुमार सिंह को उनके सर्विस रिवॉल्वर से ही गोली मारी गई. बता दें कि बुलंदशहर में तीन दिसंबर को गोकशी का मामला सामने आने के बाद भड़की हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
इस हिंसा के 25 दिन बाद पुलिस ने बीते गुरुवार को प्रशांत नट नामक युवक को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया है. नट की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि प्रशांत ने ही सुबोध कुमार सिंह को गोली मारा था. हिरासत में पुलिस ने प्रशांत नट से उस दिन के सच पर पूछताछ की. पूछताछ के बाद बुलंदशहर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि हिंसा वाले दिन तनाव बढ़ने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह गांव पहुंचे थे. वहां सुबोध ने लोगों को समझाने की कोशिश की. लेकिन इसी दौरान सुबोध कुमार सिंह पर भीड़ में से किसी ने कुल्हाड़ी से हमला किया.
पुलिस हिरासत में प्रशांत ने कुल्हाड़ी से हमला करने वाले युवक का नाम कलुआ बताया है. इस हमले में सुबोध कुमार सिंह की उंगुली कट गई थी. इसके बाद सुबोध कुमार सिंह वहां से निकलना चाह रहे थे. लेकिन करीबन 400 लोगों की भीड़ में वे उलझ गए. जिसके बाद हिंसक भीड़ में से आगे निकल कर प्रशांत नट ने उनका सर्विस रिवॉल्वर छिन लिया और उसी गन से सुबोध कुमार सिंह को गोली मार दी. इंस्पेक्टर को गोली लनगे के बाद हिंसक भीड़ ने पुलिस जीप में भी आग लगाने की कोशिश की.
बुलंदशहर हिंसा में पुलिस ने 27 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. इन 27 लोगों में से एक भारतीय सेना का जवान जीतेंद्र उर्फ जीतू फौजी भी शामिल था. जीतू को पुलिस पहले ही हिरासत में ले चुकी है. इस मामले में बजरंग दल का नेता योगेश राज अब भी पुलिस से गिरफ्त से दूर है. मीडिया रिपोर्टों में योगेश को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.