Budget 2023: निर्मला सीतारमण करेंगी पांचवा बजट पेश, वित्त मंत्री से ये हैं पांच बड़ी उम्मीदें

नई दिल्ली। आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में केंद्रीय बजट 2023 को पेश करेंगी। अगले वर्ष लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्री मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा। आज सुबह 11 बजे वित्त मंत्री अपना संबोधन शुरू करेंगी। बजट को लेकर भारतीय मध्यम वर्ग और भारतीय उद्योग जगत समेत किसान और युवाओं को बेसब्री से इंतजार हैं।
इससे पहले मंगलवार को संसद में पेश किया गया आर्थिक सर्वेक्षण में भारत की वास्तविक वृद्धि को 6 से 6.8 प्रतिशत के बीच आंका गया है। सर्वेक्षण में इस तथ्य को भी रेखांकित किया गया है कि कोविड-19 महामारी के झटके, रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों द्वारा नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के बावजूद भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती
अर्थव्यवस्था के रूप में पेश कर रही है।
वहीं देश के मुख्य आर्थिक सलाहाकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था केंद्र द्वारा किए गए सुधारों के दम पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार है और दशक के शेष भाग में 6.5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों को छोड़कर आगामी वित्त  वर्ष में कुल मिलाकर मुद्रास्फीति अच्छी स्थिति में रहने की संभावना है। इसी बीच हम उन उम्मीदों का भी जिक्र कर रहे हैं जो इस साल के बजट से है।

बजट से पहले निर्मला सीतारमण से पांच बड़ी उम्मीदें

 

विनिर्माण – विनिर्माण से जुड़े रोजगार के लोगों को बजट से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं, विनिर्माण से जुड़े कारोबारों को कोविड – 19 के प्रभाव से उबरने में अभी भी काफी कोशिश कर रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि विनिर्माण क्षेत्र को फिर से सरकार द्वार सक्रिय किया जाएगा। यह क्षेत्र विकास के लिए नई नीतियों, रियायतों और कई योजनाओं की उम्मीद कर रहा है।

आयकर में मिले राहत – वेतनभोगी पेशेवर वे करदाता को बजट से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और ईधन की कीमतों में वृद्धि से मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। उम्मीद है कि वित्त मंत्री मध्यम वर्ग को बहुत आवश्यक राहत प्रदान करने के लिए आयकर स्लैब में बदलाव कर सकती है। हाल ही में सीतारमण ने कहा था कि वह खुद को मध्यम वर्ग के रूप में पहचानती हैं और इस वर्ग की परेशानियों को अच्छी तरह समझती हैं।

स्वास्थ्य सेवा – आम आदमी कोरोना के बाद स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने पर अधिक खर्च करने की उम्मीद कर रहा है। हालांकि सरकार ने स्वास्थय के खर्च को 2014-15 की तुलना में दो गुणा बढ़ाकर 2019-20 में 40.6 प्रतिशत तक कर दिया है।

रियल एस्टेट सेक्टर – कोरोनावायरस में विनिर्माण के अलावा इस सेक्टर को काफी नुकसान हुआ था, बाद में इस सेक्टर ने अच्छी वापसी भी की। लेकिन इस सेक्टर के लोगों की मुख्य मांग करों में छूट, स्टांप शुल्क में कमी, सीमेंट और स्टील जैसे कच्चे माल पर जीएसटी में कमी की है। इसके अलावा होम लोन की दरों में कमी इस सेक्टर के लोगों की लंबे समय से मांग रही है।

रेलवे – देश की लाइफलाइन रेलवे अब केंद्रीय बजट में ही शामिल है, जिसे आज पेश किया जाना है। इसे लेकर आम जनता की उम्मीदों में ट्रेन टिकट के किराए में कमी के अलावा ट्रेनों में साफ-सफाई पर ध्यान देने, ट्रेनों की संख्या में वृद्धि करने की है।

Vikas Rana

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